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स्मृति वन स्मारक का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री
स्मृति वन स्मारक का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री

सन्दर्भ:

:प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 27 और 28 अगस्त को गुजरात के दौरे पर रहेंगे जहाँ वे स्मृति वन स्मारक का उद्घाटन करेंगे साथ ही भुज में करीब 4400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

दौरे से जुड़े प्रमुख तथ्य:

:प्रधानमंत्री सरदार सरोवर परियोजना की कच्छ शाखा नहर का उद्घाटन करेंगे, जिसके एक भाग का उद्घाटन 2017 में कर चुके है।
:इस नहर की कुल लंबाई लगभग 357 किमी है।
:इससे कच्छ जिले में सिंचाई के साथ ही 10 कस्बों को और 948 गांव को पेयजल आपूर्ति में मदद मिलेगी।
:इसके अतिरिक्त सरहद डेयरी के नए स्वचालित दूध प्रसंस्करण और पैकिंग प्लांट, भुज में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र,गांधीधाम में डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर कन्वेंशन सेंटर,अंजार में वीर बाल स्मारक,भुज 2 सबस्टेशन नखत्राणा आदि कई परियोजनाओं सहित भुज-भीमासर रोड का उद्घाटन करेंगे।

स्मृति वन स्मारक के बारें में:

:प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित ये स्मृति वन स्मारक अपनी तरह की एक अनूठी पहल है।
:स्मृति वन स्मारक निर्माण लगभग 470 एकड़ के क्षेत्र में किया गया है।
:इसे 2001 के भूकंप के समय अपनी जान गंवाने वाले लगभग 13,000 लोगों के लिए यहां के लोगों द्वारा दिखाई गई दृढ़ता की अदम्य भावना को सेलिब्रेट करने के लिए स्मृति वन स्मारक को बनाया गया।
:इस अत्याधुनिक स्मृति वन भूकंप संग्रहालय को सात थीम पर आधारित सात खंडों में बांटा गया है-पुनर्जन्म, पुन: खोज, पुनर्स्थापना, पुनर्निर्माण, पुनर्विचार, पुनर्जीवन और नवीनीकरण।
:इसका पहला खंड पुनर्जन्म की थीम पर आधारित है जो पृथ्वी के विकास और पृथ्वी द्वारा हर बार जीतने की क्षमता को दर्शाता है।इसी तरह प्रत्येक खंड का थीम है जिन्हे 5डी सिम्युलेटर में डिज़ाइन किया गया है।

खादी उत्सव के बारें में:

:अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर खादी उत्सव को संबोधित करेंगे।
:2014 के बाद से लोगो को जागरूक करने और युवाओं में इसके उपयोग को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
:हालाँकि इसके सेल्स में वृद्धि हुई है जो भारत में 4 गुना और गुजरात में 8 गुना बढ़ा है।
:खादी को ट्रिब्यूट देने और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इसके महत्व के लिए, खादी उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
:इस अनूठे कार्यक्रम में साबरमती रिवरफ्रंट पर गुजरात के विभिन्न जिलों से 7500 महिला खादी कारीगर एक ही समय और एक ही स्थान पर चरखा काटते नजर आएंगी।
:चरखों के विकास” को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी होगी जिसमें 1920 के दशक से प्रयोग में लाए गए विभिन्न पीढ़ियों के 22 चरखों को प्रदर्शित किया जाएगा।
:इसमें “यरवदा चरखा” जैसे चरखे भी शामिल होंगे जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रयोग किए गए चरखों का प्रतीक है।
:खादी की विशेष किस्म पोंडुरु खादी को बनाने का सीधा प्रदर्शन भी किया जाएगा।


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By gkvidya

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