सन्दर्भ-गूगल और इंडियन एक्सप्रेस के संवाद मंच भारत शिक्षा शिखर सम्मेलन (IES) 2022 का आयोजन किया गया जिसकों केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने सम्बोधित किया।
प्रमुख तथ्य-केंद्रीय मंत्री ने शिक्षा और कौशल को प्रत्येक भारतीय को उपलब्ध कराने,भारत को ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के तरीके और भारत के हर हिस्से में नवाचार की भावना के प्रसार पर अपने विचार साझा किए।
:अनुमानित तौर पर 52.5 करोड़ आबादी 3-23 वर्ष की आयु वर्ग के अंतर्गत है, जिसमें से लगभग 35 करोड़ बच्चों की शिक्षा और कौशल तक पहुंच है।
:बाकी 17-18 करोड़ बच्चों को स्कूली शिक्षा और कौशल की छत्रछाया में लाने का प्रयास करना चाहिए।
:GER को बढ़ाकर,कौशल हासिल करने को आकांक्षी बनाकर और युवा भारतीयों की आर्थिक उत्पादकता को बढ़ाकर,भारत को एक ज्ञान महाशक्ति बनाया जा सकता हैं।
:भारतीय युवाओं का आत्मविश्वास,कौशल,रचनात्मकता और बौद्धिक क्षमता की कोई सीमा नहीं है।
:भारत में श्रेणी 2 और श्रेणी 3 के शहरों और ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र नवाचार और उद्यमिता का रास्ता अपना रहे हैं।
;साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक प्रतिभाशाली छात्रों को ऊंची उड़ान भरने और नवाचार और उद्यमिता का रास्ता अपनाने में मदद करने के लिए कौशल विकास की आवश्यकता बहुत महत्वपूर्ण है।
:राष्ट्रीय शिक्षा नीति के एक क्षेत्र में रूप स्थानीय भाषाओं और मातृभाषा का महत्व बहुत ज्यादा होना चाहिए ताकि विवेचनात्मक सोच के कौशल के विकास के लिए इनका प्रयोग किया जा सके।
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