सन्दर्भ-राष्ट्रीय पंचाग पर दो दिवसीय सम्मेलन और प्रदर्शनी को बढ़ावा देने तथा लोकप्रिय बनाने के लिए पूर्वावलोकन कार्यक्रम का आयोजन गुवाहाटी में किया गया।
प्रमुख तथ्य-:सम्मेलन को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक पूर्वावलोकन कार्यक्रमों में से एक है यह आयोजन।
:IIT,गुवाहाटी के निदेशक प्रो. टी.जी. सीताराम ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
राष्ट्रीय पंचाग पर सम्मेलन-
:इस दो दिवसीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का आयोजन 22-23 अप्रैल, 2022 (वैशाख 2 और 3, 1944) को उज्जैन तथा डोंगला,मध्य प्रदेश (कर्क रेखा पर एक जगह) में निर्धारित की गई है।
:इसे आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर किया जाएगा।
:इसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय,विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग,पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय,वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद,मध्य प्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद तथा राष्ट्रीय दिनदर्शिका प्रचार मंच व कई अन्य वैज्ञानिक संगठनों द्वारा किया जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय पंचाग (National Calendar)
:भारत की पहचान की एक वैज्ञानिक अभिव्यक्ति है और इसे 1957 में हमारी संसद द्वारा संवैधानिक रूप से अपनाया गया था।
:यह स्वतंत्रता प्राप्त करने के तुरंत बाद हमारी पहचान को बहाल करने का एक स्पष्ट संकेत था।
:आजादी के बाद,यह नोट किया गया कि देश के विभिन्न हिस्सों में 30 कैलेंडर चालू हैं,जो कि समय की गणना की विधि सहित एक दूसरे से भिन्न हैं।
:फिर 1952 में भारत सरकार द्वारा महसूस किया गया कि हमारे नागरिक,सामाजिक और अन्य उद्देश्यों के लिए एक समान कैलेंडर लाया जाए जो वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर सटीक और एक समान हो और पूरे भारत के लिए प्रभावी हो।
:इस संदर्भ में सरकार ने देश में प्रचलित विभिन्न कैलेंडरों की जांच करने का निर्णय लिया है।
:और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के तत्वावधान में भारत सरकार द्वारा नवंबर, 1952 में प्रोफेसर एम.एन. साहा की अध्यक्षता में एक “कैलेंडर सुधार समिति (Calendar Reform Committee)” का गठन किया गया था।
Note:आयोजन में भाग लेने हेतु ऑनलाइन पंजीकरण करें