सन्दर्भ-विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और UNICEF ने सहायक प्रौद्योगिकी (GReAT-Global Report on Assistive Technology) पर पहली वैश्विक रिपोर्ट जारी की है।
क्या है सहायक प्रौद्योगिकी :
:सहायक तकनीक (AT) कोई भी वस्तु,उपकरण का टुकड़ा,सॉफ्टवेयर प्रोग्राम,या उत्पाद प्रणाली है जिसका उपयोग विकलांग लोगों को उनकी कार्यात्मक क्षमताओं को बढ़ाने,बनाए रखने या सुधारने में मदद करने के लिए किया जाता है।
जैसे– प्रोस्थेटिक्स,ब्रेसिज़,वॉकर,अनुकूलित स्विच,विशेष-उद्देश्य वाले कंप्यूटर, स्क्रीन रीडर और विशेषज्ञ पाठ्यचर्या सॉफ़्टवेयर।
रिपोर्ट के मुख्य बातें:
:2.5 बिलियन से अधिक व्यक्तियों को एक या अधिक सहायक वस्तुओं की आवश्यकता होती है।
:एक अरब लोगों को विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में पहुंच से वंचित कर दिया गया है।
:जरूरतमंद व्यक्तियों की संख्या।
:2050 तक सहायक उपकरणों के 3.5 अरब तक पहुंचने का अनुमान है।
:इसका कारण है दुनिया भर में बढ़ती उम्र और गैर-संचारी रोगों की बढ़ती घटनाए।
:अनुभूति,संचार और आत्म-देखभाल के क्षेत्रों में,सहायक प्रौद्योगिकी के लिए सेवा प्रावधान और योग्य कर्मियों की महत्वपूर्ण कमी है।
मुख्य सिफारिशें है:
:शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल प्रणालियों के भीतर पहुंच में सुधार।
:सहायक उत्पादों की उपलब्धता, सुरक्षा, प्रभावशीलता और सामर्थ्य सुनिश्चित करना।
:कार्यबल क्षमता में वृद्धि, विविधता और सुधार।
:सहायक तकनीक के उपयोगकर्ताओं और उनके परिवारों को सक्रिय रूप से शामिल करें।
:जन जागरूकता बढ़ाएं और कलंक का मुकाबला करें।
भारत में विकलांगता की स्थिति:
:भारत में कुल 2.2% विकलांगता है।
:3 दिसंबर को विश्व विकलांगता दिवस मनाया जाता है।
विकलांगों के लिए भारत सरकार द्वारा पहल:
:सुगम्य भारत अभियान: दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य वातावरण का निर्माण।
:दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना।
:विशिष्ट विकलांगता पहचान परियोजना।
:विकलांग छात्रों के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप।