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BSL-3 MOBILE PRAYOGSHALA
भारत की पहली बीएसएल-3 मोबाइल प्रयोगशाला

सन्दर्भ-महाराष्ट्र के नासिक जिले में दक्षिण एशिया की पहली जैव सुरक्षा स्तर-3 (BSL-3) कंटेनमेंट मोबाइल प्रयोगशाला का उद्घाटन किया गया।
प्रमुख तथ्य-:मोबाइल सुविधा नए उभरते और पुनःउभरने वाले वायरल संक्रमणों की जांच करती है जो अत्यधिक संक्रामक हैं और मानव के लिए घातक क्षमता रखते हैं।
:जैव सुरक्षा स्तर-3 मोबाइल प्रयोगशाला प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण मूल्यवर्धन है।
:मोबाइल लैब रीयल-टाइम डेटा संग्रह में मदद करेगी जो हमें त्वरित रोकथाम सुनिश्चित करने और किसी भी उभरते वायरल संक्रमण के प्रसार को रोकने में सक्षम बनाएगी।
:प्रयोगशाला का डिजाइन और निर्माण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने मुंबई स्थित जैव-सुरक्षा उपकरण निर्माता क्लेन्ज़ाइडस (Klenzaids) के सहयोग से किया है।
:केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बीएसएल -3 प्रयोगशालाओं का मौजूदा बुनियादी ढांचा स्थिर है और निकट और दूर के स्थानों से नमूनों के परिवहन पर निर्भर है, जिससे अक्सर निदान में देरी होती है।
:निपाह,जीका,एवियन इन्फ्लुएंजा और अब कोविड जैसे अत्यधिक संक्रामक रोगजनकों के बार-बार फैलने को देखते हुए,उभरती महामारियों या महामारियों का बहुत प्रारंभिक चरण में पता लगाने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है ताकि त्वरित रोकथाम और प्रसार को रोका जा सके।
:स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार,प्रयोगशाला वायुरोधी,अभिगम-नियंत्रित,जैव-विसंक्रमणीय है,सुरक्षित परिवर्तन HEPA ( उच्च दक्षता कण अवशोषण) निस्पंदन और जैविक तरल अपशिष्ट परिशोधन प्रणाली से सुसज्जित है।
:प्रयोगशाला को एक बुद्धिमता नियंत्रण स्वचालन प्रणाली के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है,जो नकारात्मक हवा के दबाव में काम के माहौल को बनाए रखता है,साथ ही उपकरण मापदंडों को भी बनाए रखता है और सभी आवश्यक डेटा रिकॉर्ड करता है।


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By gkvidya

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