सन्दर्भ-2 मई, 2022 को,भारतीय तटरक्षक बल (ICG) ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के टीटागढ़ क्षेत्र में समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी कमलादेवी चट्टोपाध्याय के सम्मान में कमला देवी के नाम से फास्ट पेट्रोल वेसल (FPV) ‘यार्ड 2118’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख तथ्य-यह पोत पांच एफपीवी की श्रृंखला में पांचवां है।
:भारतीय तटरक्षक बल के लिए टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड (TWL) के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) द्वारा FPV को स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया था।
:भारतीय तटरक्षक जहाज (ICGS) ‘कमला देवी’ का नामकरण आईसीजी के महानिदेशक और मुख्य अतिथि वीरेंद्र सिंह पठानिया की पत्नी नीला पठानिया ने किया।
:इस आयोजन में कमोडोर पीआर हरि, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (कार्यकारी) जीआरएसई, आरके दास, निदेशक वित्त जीआरएसई, आईजी मनीष विशाल पाठक कॉमसीजी (NE) और आईजी डीआर शर्मा डीडीजी (एमएंडएम) और जीआरएसई और TWL के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति देखी गई।
कौन है कमलादेवी चट्टोपाध्याय:
:कमलादेवी बीसवीं सदी की समाज सुधारक और स्वतंत्रता कार्यकर्ता थीं, जिनका जन्म 3 अप्रैल 1903 को मैंगलोर, मद्रास प्रेसीडेंसी (वर्तमान कर्नाटक) में हुआ था।
:उन्होंने देश भर में कारीगरों और शिल्पकारों के उत्थान और प्रदर्शन कला के विकास की दिशा में काम किया।
:उन्होंने भारत में महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के लिए भी काम किया,और उन्हें पद्म भूषण,पद्म विभूषण और रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पोत कमला देवी के बारे में:
:पोत लगभग 308 टन के विस्थापन के साथ 48.9 मीटर लंबा और 7.5 मीटर चौड़ा है और 1,500 समुद्री मील से अधिक की सहनशक्ति के साथ 34 समुद्री मील की अधिकतम गति के लिए डिज़ाइन किया गया है।
:जहाज उन्नत नियंत्रण प्रणाली,जल जेट इकाइयों और सभी संचार और नेविगेशन प्रणालियों को एकीकृत करने वाले एक एकीकृत ब्रिज सिस्टम के साथ तीन मुख्य इंजनों से लैस है।
:एफपीवी का इस्तेमाल तस्करी विरोधी,अवैध शिकार विरोधी और समुद्र में बचाव कार्यों के लिए किया जाएगा
:कमला देवी पोत ऐसे पांच एफपीवीएस की श्रृंखला में चौथा जहाज होने वाला था,लेकिन पांचवें जहाज को सेशेल्स गणराज्य को चौथे जहाज के रूप में 2021 में ‘एससीजी पीएस जोरोस्टर‘ के रूप में निर्यात किया गया था।
:लॉन्च ‘स्टार्ट प्रोडक्शन’ के साथ शेड्यूल से काफी आगे था,इस जहाज का पहला महत्वपूर्ण मील का पत्थर 15 मार्च 2021 को हासिल किया गया,इसके बाद 15 जुलाई 2021 को कील लेइंग किया गया।
:इस एफपीवी पर 50% से अधिक की उल्लेखनीय प्रगति जीआरएसई द्वारा लॉन्चिंग चरण में हासिल की गई है।