सन्दर्भ-केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 18 मई 2022 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति में संशोधन को मंजूरी दी।
प्रमुख तथ्य-राष्ट्रीय जैव-ईधन नीति, जिसे नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के जरिये 2009 में लागू किया गया था, के स्थान पर “राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति (National Policy on Biofuels) -2018” को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 04 जून, 2018 को अधिसूचित किया था।
:संशोधनों में से एक यह है कि सरकार जैव ईंधन के उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक की अनुमति देगी।
:पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण के लक्ष्य को ईएसवाई 2030 से पहले 2025-26 में ही प्राप्त करने के लिए पहलकदमी करना।
:फिलहाल पेट्रोल में करीब 10 फीसदी एथेनॉल मिलाया जाता है।
:यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड)/निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) में स्थित इकाइयों द्वारा देश में जैव ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देगा।
:एनबीसीसी में नये सदस्यों को जोड़ना, विशेष मामलों में जैव-ईंधन के निर्यात की अनुमति देना।
:सरकार को राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति (एनबीसीसी) की बैठकों के दौरान लिए गए निर्णयों के अनुरूप नीति में कुछ वाक्यांशों को हटाने/संशोधित करने की अनुमति है।
:इन फैसलों से भारत को मदद मिलेगी, जो अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है, विदेशी शिपमेंट पर निर्भरता कम करने के लिए।
:चूंकि जैव ईंधन के उत्पादन के लिए कई और फीडस्टॉक्स की अनुमति दी जा रही है,यह आत्मानबीर भारत को बढ़ावा देगा और 2047 तक भारत के ‘ऊर्जा स्वतंत्र’ बनने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को गति देगा।
:“जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति – 2018” को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 4 जून 2018 को जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति के अधिक्रमण में अधिसूचित किया गया था, जिसे 2009 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के माध्यम से प्रख्यापित किया गया था।