
सन्दर्भ-हाल ही में ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी (GHS) इंडेक्स 2021 जारी किया गया है,इसे गैर लाभकारी संस्थान न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव(NTI) और जॉन्स हापकिंस सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी के द्वारा संयुक्त रूप से जारी किया गया है।
प्रमुख तथ्य-: यह इंडेक्स 195 देशों में स्वास्थ्य सुरक्षा और संबंधित क्षमताओं का आकलन करता है।
:यह उपलब्ध जानकारी का उपयोग करके छह श्रेणियों और 37 संकेतक़ों के द्वारा देशों का आकलन करता है।
इसमें प्रत्येक राष्ट्र को 0-100 तक दिए जाते हैं।
:ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी इंडेक्स स्कोर पर दुनिया का समग्र प्रदर्शन 2021 में 100 में से 38.9 हो गया है।
:जबकि पूरी दुनिया के लिए ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी इंडेक्स 2019 का स्कोर 40.2 था।
:संयुक्त राज्य अमेरिका ने 75.9 स्कोर के साथ रैंकिंग के शीर्ष पर अपना स्थान बरकरार रखा है।
:ऑस्ट्रेलिया,फिनलैंड,कनाडा और थाईलैंड ने शीर्ष 5 देशों में अपनी जगह बनाई है।
:भारत 42.8 के स्कोर के साथ 66वें स्थान पर है।
रिपोर्ट की अन्य बातें-
:रिपोर्ट के अनुसार दुनिया का कोई भी देश कोविड-19 के लिए तैयार नहीं था,लगभग सभी देशों में राजनीतिक और सुरक्षा जोखिम बढ़ गए हैं।
:फिलहाल दुनिया के कोई भी देश भविष्य की किसी भी एपिडेमिक और पेंडेमिक से निपटने के लिए तैयार नहीं है।
:बहुत से देशों में एक सक्षम सुलभ स्वास्थ्य प्रणाली को बनायें रखने में कम या बहुत कम या कोई सुधार नहीं देखा गया है।
रिपोर्ट की सिफारिशें-:देशों को राष्ट्रीय बजट में स्वास्थ्य सुरक्षा कोष आवंटित करना चाहिए,साथ ही देशों को अपने जोखिमों की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रीय योजना विकसित करनी चाहिए।
:इसके आंकलन के लिए 2021 के ग्लोबल हेल्थ सिक्योरिटी इंडेक्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
:निजी क्षेत्र को सरकारों के साथ साझेदारी करने के अवसर तलाशने के लिए इंडेक्स का उपयोग करना चाहिए।
:भारत भी स्वास्थ्य क्षेत्र पर अपने सकल घरेलु उत्पाद का 1.35% से भी काम खर्च करता है,जो की एक मध्यम आय वाले देश के लिए काफी कम है।