चर्चा में क्यों है-:केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने कोविद महामारी तथा अन्य कारणों से स्मार्ट सिटीज मिशन के कार्यान्वयन की समय सीमा को जून 2023 तक बढ़ा दिया है।
:पहले की समय सीमा के अनुसार शहरों को स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत चुने जाने के पांच साल के अंदर अपनी परियोजनाओं को पूरा करना था।
स्मार्ट सिटी मिशन-इस मिशन की शुरुआत 25 जून 2015 को किया गया था,एक ऐसा शहरी क्षेत्र जहा सेंसर का प्रयोग कर विभिन्न संग्रहित इलेक्ट्रॉनिक डाटा के उपयोग से वहां के संसाधनों का कुशलतम प्रबंधन किया जाता है।इसके माध्यम से स्थानीय विकास को बढ़ाने और प्रौद्योगिकी के सहायता से नागरिको के लिए बेहतर परिणामो के माध्यम से जीवन गुणवत्ता में सुधार करने तथा आर्थिक विकास को गति देने की पहल की जाएगी।
स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य
इस मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देने से है जो मूलभूत बुनियादी सुविधाएँ कराये और अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करें,तथा इसके साथ स्वच्छ एवं टिकाऊ पर्यावरण और स्मार्ट समाधानों के प्रयोग का मौका दे।
क्यों जरुरी है स्मार्ट शहर मिशन
बढती शहरी आबादी को देखते हुए जो की 2030 तक कुल आबादी की 40% हो जाएगी,इसके लिए भौतिक,संस्थागत,सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास जरुरत है।
प्रमुख तथ्य -: इस मिशन के तहत चुने गए सभी 100 शहरों को अब जून 2023 तक अपनी परियोजना को पूरा करना होगा।
:इन सभी(100)स्मार्ट शहरों का चयन जनवरी 2016 से जून 2018 के बीच चार दौर की प्रतियोगिता के बाद किया गया था।
:इस मिशन के अंतर्गत सरकार का लक्ष्य अपने डिजिटल इंडिया से जुड़ी अपने नवीन डिजिटल तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करना,जो अपराध को काम करने और निवासियों की सुरक्षा में सुधार करने के लिए निगरानी प्रणाली जैसे प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करती है।
:इसमें अंतर्गत ई-गवर्नेंस,मोबिलिटी,इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से जुडी परियोजनाओं की परिकल्पना की गयी है।
:सारी प्रकियाएं एक कार्यान्वयन एजेंसी के गठन के साथ शुरू होगी।
:एक विशेष प्रयोजन वाहन(SPV-स्पेशल पर्पज व्हीकल) जिसे राज्य / केंद्र शासित प्रदेश और शहरी स्थानीय निकाय द्वारा 50% इक्विटी शेयरधारिता के साथ बढ़ावा दिया जाता है।
:इस विशेष प्रयोजन वाहन का गठन कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत एक पब्लिक कम्पनी के रूप में किया गया है।