सन्दर्भ-05 अप्रैल, 2022 को,स्टैंड-अप इंडिया योजना जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल 2016 को लॉन्च किए थे ने 6 साल पूरा कर ली है।
प्रमुख तथ्य-:स्टैंड अप इंडिया योजना को 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
:स्टैंड-अप योजना के तहत 6 साल में भारत में 1,33,995 से अधिक खातों में 30,160 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण स्वीकृत किए गए है।
स्टैंड अप इंडिया योजना के बारे में-
1-वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग (DFS),ने आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन के जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टैंड अप इंडिया योजना शुरू की।
2-यह योजना अनुसूचित जाति (SC),अनुसूचित जनजाति (ST) और महिला उद्यमियों जैसे वंचित क्षेत्र के लोगों तक संस्थागत ऋण संरचना का लाभ पहुंचाती है।
3-इस योजना का उद्देश्य 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच बैंक ऋण की सुविधा कम से कम एक एससी या एसटी और एक महिला उधारकर्ता को प्रति बैंक शाखा में ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान करना है।
4-भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) के कार्यालयों को स्टैंड-अप कनेक्ट सेंटर (SUCC) नामित किया जाएगा।
5-इस योजना में ‘15% तक’ मार्जिन मनी की परिकल्पना की गई है जिसे पात्र केंद्र/राज्य योजनाओं के साथ अभिसरण में प्रदान किया जा सकता है।
स्टैंड अप इंडिया योजना के लिए पात्रता:
i.SC/ST और/या महिला उद्यमी,जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है।
ii.योजना के तहत ऋण केवल ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं।
iii.उधारकर्ता किसी बैंक या वित्तीय संस्थान में चूककर्ता (डिफॉल्टर) नहीं होना चाहिए।
iv.गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में कम से कम 51% शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।