सन्दर्भ-केंद्र सरकार ने 25 दिसंबर 2021 को सुशासन सूचकांक 2020 -2021 जारी किया।
प्रमुख तथ्य- :इस सूचकांक को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा जारी किया गया है।
:इस सूचकांक में 10 क्षेत्रों के 58 संकेतकों को शामिल किया गया है।
:इस सूचकांक में प्रथम तीन स्थान पर गुजरात,महाराष्ट्र और गोवा रहे।
:इस वर्ष के सूचकांक में 20 राज्यों ने अपने समग्र सुशासन सूचकांक स्कोर में सुधार किया है।
:पिछले वर्ष 2019 की तुलना में इस वर्ष गुजरात ने 12% की जबकि गोवा ने 25% की वृद्धि दर्ज की है।
:उत्तर प्रदेश ने भी 2019 की तुलना में 9% की वृद्धि दर्ज की है।
:उत्तर प्रदेश ने वाणिज्य और उद्योग क्षेत्र,नागरिक केंद्रित शासन मानकों,अलावा सामाजिक कल्याण और विकास और न्यायपालिका और सार्वजानिक सुरक्षा क्षेत्रों में सुधार किया है।
:जम्मू-कश्मीर ने सूचकांक में 3.7% की सुधार किया है।
:झारखण्ड ने भी 2019 की तुलना में 12.6% की वृध्दि दर्ज किया,इस वृद्धि में 7 प्रमुख क्षेत्रों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा।
राजस्थान ने भी 1.7% की बढ़ोत्तरी प्राप्त की।
:पूर्वोत्तर राज्यों में मिजोरम ने वाणिज्य और उद्योग,सार्वजनिक स्वास्थ्य,मानव संसाधन विकास,और आर्थिक शासन में बेहतर प्रदर्शन किया है।
:केंद्र शासित प्रदेश में दिल्ली ने बुनियादी ढांचे,कृषि और सबद्ध क्षेत्रों और सामाजिक कल्याण और विकास द्वारा अच्छा प्रदर्शन किया।
क्या है सुशासन सूचकांक
:यह एक व्यापक और कार्यान्वयन योग्य ढांचा है,जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शासन की स्थिति का आंकलन करने में मदद करता है। इसकी शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर की गई।
उद्देश्य-:सुशासन के प्रति लोगो में जागरूकता फ़ैलाने के लिए,इस दिन देश भर में कई सम्मलेन का आयोजन किया जाता है।
:इसके माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों(SDG) की प्रगति की जानकारी प्राप्त की जाती है।
विभिन्न क्षेत्रों में शीर्ष क्रम वाले राज्यों के साथ समग्र रैंक वाले राज्यों की सूचि निम्नवत है-