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सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल का निधन

सन्दर्भ-हाल ही में सामाजिक कार्यकर्त्ता सिंधुताई सपकाल का पुणे में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
प्रमुख तथ्य-:इनको “अनाथांची माँ” अर्थात “अनाथों की माँ” कहा जाता था।
:सिंधुताई सैकड़ों अनाथ,परित्यक्त और निराश्रित बच्चों के पालन पोषण के साथ-साथ महिलाओं के पुनर्वास के लिए प्रसिद्ध थी।
:सिंधुताई के निधन पर भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित कई हस्तियों और महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी शोक जताया।
सिंधुताई सपकाल-:इनका जन्म 14 नवंबर 1948 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में हुआ था।
:ये ट्रेनों में गाकर और भीख मांग कर अपना जीवन यापन करती थी,लेकिन बाद में इन्होने अनाथ और परित्यक्त बच्चों को गोद लेना आरम्भ कर दिया।
:सिंधुताई अनाथो के लिए पुणे में “सनमति बाल निकेतन संस्था” चलाती थी।
:इन्होंने 1000 से अधिक अनाथ बच्चों को गोद लिया था।
:इसके अलावा सिंधुताई ने हांशिये पर मौजूद समुदायों के लिए भी उल्लेखनीय कार्य किए।
:इनको सामाजिक कार्यों के लिए 750 से भी अधिक पुरस्कार मिले है।
:भारत सरकार ने इन्हे 2021 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया है।
;इसके अलावा 2010 में इन्हे महाराष्ट्र सरकार ने अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार से भी नवाजा था।
;इनके जीवन पर 2010 में “मी सिंधुताई सपकाल बोल्ते” शीर्षक से एक मराठी बायोपिक भी महाराष्ट्र रिलीज़ की गई थी।


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By gkvidya

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