Sat. Apr 20th, 2024
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1-स्कील इम्पैक्ट बाण्ड 
प्रमुख तथ्य -1:राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) ने वैश्रविक साझेदारो से मिलकर भारत मे कौशल विकास के लिए अपनी तरह के पहला और सबसे बड़े एम्पैक्ट बाण्ड को शुरू किया है।
2:जिसमे सर्वजनिक,निजी भागीदारी,सार्वजानिक निजी भागीदारी वाले संगठन और NSDC शामिल है इस एम्पेक्ट बॉन्ड में
3:अगले चार वर्षों में इस गठबंधन द्वारा भारत मे 50,000 युवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 14.4 मिलियन डॉलर राशि जुटायी गयी है।
4:इस बॉन्ड में NSDC के सहयोगी होंगे ब्रिटिश एसियन ट्रस्ट(प्रिंस चार्ल्स का ),HSBC इंडिया,JSW फाउंडेशन,दुबई केयर्स,FCDO(UK),माइकल एन्ड सुसान डेल फाउंडेशन(MSDF),द चिल्ड्रेन इन्वेस्टमेंट फण्ड फाउंडेशन (CIFF) और तकनीकी भागीदार के रूप में USAID होगा।
5:उद्देश्य-इस बांड के लक्ष्य समूह में महिलाओं और लड़कियों की कुल 60% की भागीदारी होगी,जिसका मुख्य उद्देश्य उन्हें कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें सशक्त बनाना,तथा खुदरा,परिधान,स्वास्थ्य देखभाल,और रसद सहित कोविड-19 वसूली क्षेत्र में रोजगार एवं मजदूरी तक पहुंच को सुनुश्चित करना।
6:राष्ट्रिय कौशल विकास निगम(NSDC):यह एक गैर लाभकारी लोक उपक्रम है जिसकी स्थापना 1 जुलाई 2008 को कम्पनी एक्ट 1956 तहत किया गया था
जो वित्त मंत्रालय के साथ पब्लिक प्राइवेट साझेदारी के तौर पर बनाया गया,इसका मुख्यालय नै दिल्ली में है तथा इसके चेयरमैन श्री ए एम् नाईक है।

2-कृषि उड़न 2.0 लांच योजना किया गया
क्यों है चर्चा में –नागरिक उड्डयन मंत्री ने 27 अक्टूबर को इस योजना लांच किये।
प्रमुख तथ्य-1:उद्देश्य है-पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रो में स्थित हवाई अड्डों पर ,कार्गो की सुविधा को स्थापित करने के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण करना
2:महत्त्व- इससे किसानो के कृषि उत्पादों के परिवहन में आसानी होगी तथा उनकी आय में वृद्धि होगी।
3:इस कृषि योजना में 8 मंत्रालय आपस में मिलकर काम करेंगे ताकि शीघ्रता से उनके उत्पाद बाजार में पहुंचे और उनकी आमदनी बढे,साथ ही कृषि मूल्य श्रृंखला में स्थिरता और लचीलापन भी लाया जा सके।
4:अभी 21 अक्टूबर को ही 6 नए मार्गो को उड़ान योजना के तहत उद्घाटन किया गया है।
5:कृषि उड़ान योजना- इस योजना अगस्त 2020  शुरू किया गया था ताकि किसानों की सहायता हो सके तथा इनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त किया जा सके, इस योजना के तहत टर्मिनल नेविगेशन लैंडिंग शुल्क की छूट दी गई थी।
6:कृषि उड़ान 2.0- क्षेत्र के लिए विकास के नए रास्ते खोलेगी और कृषि उपज की आपूर्ति श्रृंखला और उसके परिवहन में आने वाली बाधाओं को दूर करके किसानो की आय में दुगनी वृद्धि करेगी,इसके माध्यम से A2A मॉडल अर्थात कृषि से विमानन मॉडल को अपनाकर किसानों को उच्चतम स्तर तक ले जाना है,इसके लिए देशभर के 53 हवाई अड्डे पर खासतौर से पूर्वोत्तर और आदिवासी क्षेत्रों में ध्यान दिया जाएगा,इन चुनिंदा हवाई अड्डे पर पूर्णतः छूट देने की योजना बनाई गई है,कृषि उड़ान योजना का यह  संस्करण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की 100% की हिस्सेदारी वाली सहायक कंपनी आई-क्लास और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत भारत की राष्ट्रीय निवेश संवर्धन और सुविधा एजेंसी इन्वेस्ट इंडिया के सहयोग से तैयार किया गया है.इसे 6 महीने के लिए प्रायोगिक तौर पर लागू किया जाएगा और फिर अन्य हित धारकों के साथ इसके मूल्यांकन और परामर्श के परिणाम के आधार पर इसमें बदलाव किया जाएगा,साथ ही सरकार भारत में हब और स्पोक मॉडल का विकास करेगी।
7:क्या है हब और स्पोक मॉडल- यह हवाई अड्डा के भीतर व बाहर माल ढुलाई से संबंधित बुनियादी ढांचा है जो वितरण पद्धति को अपनाता है।
8:कन्वर्जन तंत्र की स्थापना करना- इसके माध्यम से संसाधन पुलिंग अर्थात अन्य सरकारी विभागों और नियमाको के साथ करार करना है जिससे हवाई परिवहन में जुड़े मालवाहको को एयरलाइंस और अन्य हित धारको को प्रोत्साहन एवं छूट मिलेगी।
9:ई-कुशल का विकास- किसी उत्पादन के परिवहन से जुड़े सभी हित धारकों को सूचना प्रसार की सुविधा प्रदान कराना साथ ही योजना की समन्वय निगरानी और मूल्यांकन में भी करना इस एकल मंच का काम है,इसे राष्ट्रीय कृषि बाजार ई-नाम(E-NAM) के साथ जोड़ने का भी प्रस्ताव किया गया है।
10:फ्रेटग्रिड का विकास – 2021-22 तक लखनऊ,डिब्रूगढ़,दीमापुर,हुगली,लीलाबारी,श्रीनगर,अगरतला,सिलचर,तेजपुर,तिरुपति,तूतीकोरिन का विकास होगा जबकि  2022 23 में भावनगर,अहमदाबाद,मैसूर,राजकोट,विजयवाड़ा,पुडुचेरी,कोझीकोड,झारसुगुड़ा का विकास होगा,फिर 2025 तक आगरा,दरभंगा,गया,ग्वालियर,शिलांग, शिमला,पकयोंग,होलंगी,सेलम,उदयपुर,बड़ोदरा का विकास किया जायेगा।
11:योजना के लाभ —कृषि क्षेत्र विकास के नए रास्ते खुलेंगे,आपूर्ति श्रृंखला बेहतर होगी,कृषि खाद्य अपशिष्ट कि समस्या से निपटने में मदद मिलेगी,तथा अंतिम रूप से किसानों की आय दुगनी होगी।

3-आकाशगंगा (गैलेक्सी) के बाहर ग्रह के संकेतो का पता लगाया है,नासा ने
प्रमुख तथ्य -1;खगोलविदो ने नासा के चंद्रा एक्स-रे वैधशाला टेलीस्कोप से इतिहास मे पहली बार मिल्की वे से बाहर एक गैलेक्सी के ग्रह जैसा प्रतीत होने वाले एक खगोलीय पिंड का पता लगाया है.
2:बिना नाम वाला यह बाहरी ग्रह मिल्की वे से लगभग 28मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित M51,या व्हर्लपुल गैलेक्सी मे स्थित है।
3:वहिर्ग्रह- वे ग्रह जो सौरमण्डल से बाहर होते है,उन्हें वहिर्ग्रह कहा जाता है।
4:ऐसे ही 4000 से अधिक वहिर्ग्रहों को खगोलविदों ने 1990 खोजा था लेकिन,मूलतःवे सभी मिल्की वे मे पाए गए थे।

4-निति आयोग ने भारत में फेसिअल रिकाग्निशन टेक्नोलॉजी पर अध्यन को स्वीकृति दी

प्रमुख तथ्य-1:क्या है फेसिअल रिकगनिशन-चेहरा पहचानने की एक तकनीक है जो किसी व्यक्ति के चेहरे के माध्यम से उसकी पहचान करने या उसकी पहचान पक्का करने का एक तरीका है।
2:इसका उपयोग फोटो वीडियो या रियाल टाइम में लोगो की पहचान करने के लिए किया जाता है।
3:इसके अंतर्गत कम्प्यूटर एल्गोरिदम की मदद से चेहरे के विशिष्ट चिन्हो (बायोमीट्रिक डेटा) जैसे की गाल की हड्डी के आकर,होठो की आकृति,और माथे से ठुड्डी तक की दूरी को मैपिंग (चित्रित)की जाती है, इसके बाद इन्हे एक संख्यात्मक कॉड में बदल दिया जाता है जिसे फेस प्रिंटिंग के नाम से जाना जाता है.
4:इसके सत्यापन/पहचान के लिए अब मौजूदा देश की सुरक्षा एजेंसियों के पास उपलब्ध फेसप्रिंट के डाटा से मिलान/तुलनाकिया जाता है
5:फेस रिकग्निशन टेक्निक (FRT) के उपयोग –
1:प्रवेश के समय,सुरक्षा जांच में,विमान में चढ़ते समयआदि जैसे चेकप्वाइंट पर स्वचालित प्रक्रिया।
2:सरल और तीव्र विश्लेषण के लिए अपराध की जांच में सुविधा होगी।
3:लापता बच्चों,अपराधियों,व्यक्तियों,अज्ञात शव आदि की पहचान संभव और आसान होगी।
4:प्रमाणीकरण में सक्षम होगा।
6:फेस रिकग्निशन टेक्निक(FRT) से संबंधित चिंताऐ –
1:इसकी सबसे बड़ी चिंता वयक्ति की निजता पर एक हमला है,जहां निगरानी,बीना सहमति या कैमरे में मौजूद व्यक्ति को बिना बताये की जाती है।
2:अभी तक डेटा सुरक्षा केलिए एक विशिष्ट विनियमन/कानून का अभाव है,कानून सुधीर निगरानी सुविधा तथा ।
3:इस तकनीक का उपयोग संभावित रूप से राज्य प्रायोजित जन निगरानी के लिए किया जा सकता है।
7:हाल ही में सरकार ने नेशनल ऑटोमेंटेड फैसियल रिकॉग्निशन सिस्टम (NAFRS) के कार्यान्वयन कि मंजूरी दी है जिसका उपयोग पुरे देश की पुलिस करेगी,जिसको जारी करता है राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB)

5-MeitY द्वारा आर्टिफीसियल इंटेलीजेंट (AI) पर चर्चा का किया

प्रमुख तथ्य-1:28अक्टूबर को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने अपने विभाग राष्ट्रिय ई-गवर्नेंस डिवीजन के अंतर्गत किया।
2:इस चर्चा का थीम था -एआयी फॉर डाटा ड्रिवेन गवर्नेंस,जिसके तहत सार्वजानिक क्षेत्र,डाक सेवाओं,रक्षा, और भविष्य शहरों के लिए AI ला लाभ कैसे उठाया जा सकता है इस पर विशेषज्ञ अपनी रखेंगे,साथ ही महत्वपूर्ण AI संचालित समाधानों अपनी प्रस्तुति भी देंगे जिन्होंने कोविद-19 दौरान अपनी भूमिका का निर्वहन किया है।
3:क्या है AI पे चर्चा-यह पैनल चर्चा की श्रृंखला है जिसमे सरकार के साथ उद्योग जगत के देशी और विदेशी,अनुशंधानकर्ता,शिक्षाविद कृत्रिम बौद्धिकता पर अपने अनुभव और विचार प्रस्तुत करेंगे साथ ही इससे जुड़े अध्ययनों,अपनाये बेहतर तौर तरीको,महत्वपूर्ण नवाचारों,तथा इस क्षेत्र में उत्पन्न चुनौतियों पर भी करेंगे।
4:इस सत्र में आंकड़ों पर आधारित और AI की बेस पर शासन के महत्त्व तथा इस मामले में अपनाये जाने उचित तौर तरीकों पर विषय के साथ चर्चा करेंगे
5:क्या है आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस-एक मशीन में न मानव की तरह सोचने और समझने की शक्ति का विकास करना,इसमें कंप्यूटर के माध्यम से एक ऐसा कृत्रिम दिमाग बनाया जाता है जो इंसान के दिमाग की तरह सोच सके,आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उत्तम रूप माना जाता है।
6:आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस के प्रकार– यह चार प्रकार के होते है-
A:मस्तिष्क सिद्धांत B:आत्म चिंतन C:पूर्ण रूप से प्रतिक्रियात्मक D:सीमित स्मृति
8:इसकी शुरुआत 1950 में हो गया था परन्तु इसकी उपयोगिता की पहचान 1970 के दशक में मिली और कड़ी के रूप जापान ने 1981 में एक पहल करते हुए फिफ्थ जेनेरेशन नामक योजना की शुरुआत की।
9:भारत में आर्टिफीसियल इंटेलीजेंस;भारत में रोबोटिक्स बिगडाटा वर्चुअल रियलिटी मशीन लर्निंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम है
निति आयोग के अनुशार AI देश में ब्यापार के तौर तरीका को बदलने जा रहा है खास तौर पैर सामाजिक और समावेशी विकास के लिए नए खोजों/नवाचारों में इसका उपयोग विशेष रूप से किया जायेगा
अभी निति आयोग ने गूगल के साथ मिलकर कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू भी किये है ताकि स्टार्टअप्स और डॉक्टरेट छात्रबृत्ति के माध्यम से इसके अनुसन्धान की और बढ़ाया जाय
10:भारत सरकार की पहल: ने 2018 में नेशनल स्ट्रेटेजी फॉर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस(NSAI) को जारी किया था साथ ही सत्कार ने अपने बजट में फिफ्थ जेनेरेशन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स के लिए 480 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया है।
इसके अतिरिक्त सरकार ने इसके प्रयोग के लिए 7 सूत्रीय रणनीति भी तैया की है

सात सूत्रीय कार्यक्रम के लिए फॉलो करें  https://indiaai.gov.in/research-reports/national-strategy-for-artificial-intelligence

6-WMO जारी कि स्टेट ऑफ द क्लाइमेट इन एशिया रिपोर्ट
प्रमुख तथ्य-1: विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा यह वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई इस रिपोर्ट के अनुसार 2020 में एशिया को रिकॉर्ड स्तर पर अपने सबसे गर्म वर्ष का सामना करना पड़ा है क्योंकि चरण मौसम महादेव के विकास पर बहुत बड़ा असर डाल रहा है।
2:रिपोर्ट में यह भी माना है स्थितियों के चलते एशिया में सतत विकास की प्रक्रिया पर संकट आ गया है जिससे पानी की कमी स्वास्थ्य,जोखिम और पर्यावरण को होने वाला नुकसान काफी बढ़ता ही जा रहा है।

3:इस महाद्वीप के हर क्षेत्र में बड़े हुए तापमान का प्रभाव पड़ा है जहां 1981 से 2010 तक के औसत तापमान की तुलना में 2020 में एशिया के तापमान में लगभग 1.39 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई।
4:2020 में एशिया में बाढ़ और तूफान से लगभग 50 मिलियन लोग प्रभावित हुए जिनमें से लगभग 5000 लोग मारे गए साथ ही पर्यावरण रिपोर्ट में विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था मैं होने वाले नुकसान को भी बताया गया हैऔर बुनियादी ढांचा को भी काफी नुकसान पहुंचा।
5:रिपोर्ट में विभिन्न देशों के अर्थव्यवस्था में होने वाले नुकसान को भी बताया गया है चीन को जहा 238 अरब डालर का नुकसान हुआ है वहीँ भारत को 87 अरब डालर का नुकसान हुआ ,इसके अतिरिक्त अन्य देशों जैसे जापान 83अरब डॉलर,दक्षिण कोरिया को अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है,यदि अर्थव्यवस्था के आकार के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा नुकसान ताजिकिस्तान को हुआ है जो उसकी जीडीपी के मुकाबले 7.9% रहा तथा दूसरे नंबर पर कंबोडिया रहा जिसको 5.9% की तथा लाओस जो तीसरे नंबर पर था को 5.1 % का नुकसान हुआ है।
6:यह भी कहा है की 2050 तक डिलीशियस 20 से 40% हॉट खत्म हो जाएगा जिसके कारण इस क्षेत्र में 75 करोड़ लोगों की जीवन पर बड़ा असर पड़ेगा।


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By gkvidya

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