Sat. Apr 20th, 2024
शेयर करें

1-भारत-इंडोनेशिया के बीच समन्वित गश्ती का 37वां संस्करण शुरू

ऑपरेशन संकल्प
ऑपरेशन संकल्प

चर्चा में क्यों है-भारतीय इंडोनेशियाई नौसेना के बीच समन्वित गश्ती(Corpat) 37वां संस्करण “गैर संपर्क”(केवल समुद्र में संचालन) के रूप में शुरू किया गया है।
उद्देश्य- दोनों देशों के बीच आपसी तालमेल,विश्वास एयर सहयोग को बढ़ाने के लिए,एवं हिन्द महासागर क्षेत्र के इस महत्वपूर्ण हिस्से को वाणिज्यिक नौवहन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार,और वैध समुद्री गतिविधियों का संचालन करने के लिए सुरक्षित रखना है।
महत्त्व-दोनों नौसेनाओं के बीच समझ और अंतःक्रियाशीलता बनाने में मदद करते हैं,और अवैध रूप से मछली पकड़ने, मादक पदार्थों की तस्करी,समुद्री आतंकवाद, सशस्त्र डकैती और समुद्री डकैती को रोकने और दबाने के लिए उपायों के गठन की सुविधा प्रदान करते हैं।
प्रमुख तथ्य-:यह समन्वित गश्ती 23-24 नवंबर के बीच चलेगा।
:इसमें भारत की और से INS खंजर और इंडोनेशिया की और से केआरआई-सुल्तान ताहा सैफुद्दीन भाग लेंगे साथ ही समुद्री गश्ती विमान भी अपनी भागीदारी देंगे।
:इसे दोनों देशों के बीच 2002 से वर्ष में दो बार आयोजित किया जाता है।
:इससे पूर्व 36वें संस्करण को 30-31 जुलाई 2021 संपन्न किया गया था।
:भारत सरकार के दृष्टिकोण “सागर (SAGAR)” अर्थात क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के एक हिस्से के रूप में,भारतीय नौसेना क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बढ़ाने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है।

2-मैसूर घोषणा पत्र पर किया गया हस्ताक्षर

सन्दर्भ-हाल ही में भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने आयोजित नागरिक चार्टर और पंचायतों द्वारा सेवाओं के वितरण पर एक दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें 16 राज्यों के प्रतिभागियों द्वारा मैसूर घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
उद्देश्य क्या है-इसका उद्देश्य नागरिक केंद्रित सेवाओं को शासन के केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान करना।
महत्त्व क्या है –इसके माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर बुनियादी,वैधानिक और जरुरी सेवाओं की पेशकश के साथ कार्य को शुरू करते हुए,समयबद्ध और कुशल तरीके से जमीनी स्तर पर नागरिक सेवाओं की उपलब्धता में वृद्धि करते रहना।
लक्ष्य क्या है-नागरिकों को सशक्त बनाने,तथा ग्रामीण भारत के समावेशी और सतत विकास को बढ़ावा देने हेतु सेवाएं प्रदान करना।
प्रमुख तथ्य-इसके अंतर्गत अप्रैल 2022 से पुरे देश में पंचायतों द्वारा सामान्य न्यूनतम सेवा वितरण को शुरू करने का संकल्प लिया गया है।
साथ ही लोकसेवाओं के समय पर वितरण के लिए पेशेवर सत्यनिष्ठा और जवाबदेही के उच्चतम मानकों को भी लागू करना।

3-चामुंडी हिल्स को विकसित करने पर नाराज़गी 

चर्चा में क्यों है- हाल ही में प्रख्यात कन्नड़ लेखक और सरस्वती सम्मान विजेता एस एल भारप्पा ने मैसूर में स्थित चामुंडी हिल्स को विकसित करने के कर्नाटक सरकार के कदम पर नाराजगी जताई है।उन्होंने सम्बन्ध में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर चामुंडी हिल्स को पर्यावरण की दृष्टि से अस्थिर कांक्रीटीकरण करने से बचाने का अनुरोध किया है।
प्रमुख तथ्य-:केंद्र सरकार के PRASAD-तीर्थयात्रा कायाकल्प और अध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान के अंतर्गत चामुंडी हिल्स को विकसित करने का प्रस्ताव किया गया है।जिसके तहत इसे एक आध्यत्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में बदलने के लिए 100 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया जाएगा।
:चामुंडी पहाड़ी की चोटी पर चामुंडेश्वरी मंदिर स्थित है जो समुद्र तल से 3489 फीट की ऊंचाई पर है।
:कृष्णराज वाडियार-3 ने यहाँ सोने के कलश वाले एक गोपुरा का निर्माण करवाया था।
:यहाँ नारायण स्वामी और महाबलेश्वर को समर्पित दो अन्य मंदिर भी है।
:पूरालेखिए साक्ष्यों में इस क्षेत्र का मभला/मब्बला तीर्थ के रूप में अंकित किया गया है।
:मैसूर का भी अपना ऐतिहासिक महत्व है,यहा होयसलों का 11वीं-12वीं शताब्दी में बना एक शिलालेख है।
:मैसूर में गंग,चालुक्य,होयसल और चोल अपना शासन कर चुके है।

4-गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण को मिली मंजूरी

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे

चर्चा क्यों है-हाल ही में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक एक्सप्रेसवे के निर्माण की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
उद्देश्य- गोरखपुर से सलीगुड़ी के बीच कोई सीधी सड़क संपर्क बनाकर यातायात के समय को कम करना तथा व्यापार के नए राश्ते को बहाल करना।
प्रमुख तथ्य-:एक्सप्रेसवे गोरखपुर से शुरू होकर गोपालगंज होते हुए उत्तर बिहार के अन्य जिलों- सिवान छपरा मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी मधुबनी,सुपौल,सहरसा ,पूर्णिया,किशनगंज से होकर सिलीगुड़ी तक जाएगी।
:यह एक्सप्रेसवे 6-8 लेन का होगा जिसमे 416 किमी बिहार से होकर गुजरेगा,जिसका फायदा बिहार के लोगो को होगा।
:यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से ग्रीन फील्ड होगा अर्थात पूर्णरूप से अधिगृहित कर बनायीं जाने वाली एकदम नयी एक्सप्रेसवे होगी। इससे लोगो को नए आर्थिक अवसर भी मिलेगा।
:उत्तर प्रदेश में इसे गोरखपुर और आजमगढ़ के आसपास से जोड़ा जाएगा ताकि इन्हे भी सड़क मार्ग से बिहार और पश्चिम बंगाल तक अपनी पहुंच को बेहतर बना पाएंगे।
:गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच की दूरी घटकर अब 600 किमी ही रहा जाएगी।

:अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया गया है। 

5-नीति आयोग द्वारा लांच किया गया एसडीजी शहरी सूचकांक 2021

सन्दर्भ-नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्य (SDG) शहरी सूचकांक और डैशबोर्ड को लांच किया।
क्या है SDG शहरी सूचकांक और डैशबोर्ड-यह भूख रहित,गरीबी उन्नमूलन,बेहतर स्वास्थ्य,गुणवत्तपूर्ण शिक्षाऔर लैंगिक समानता जैसे लक्ष्यों में SDG के 77 संकेतकों के आधार पर 56 शहरी क्षेत्रो को रैंक देता है।
किन क्षेत्रो को रैंक किया गया-56 शहरों में से 44 शहर जिनकी आबादी 10 लाख से ऊपर थी। 12 राज्यों की ऐसी राजधानिया भी शामिल थी जिनकी आबादी 10 लाख से कम थी।
:नीति आयोग ने इंडो जर्मन डेवलपमेंट कोऑपरेशन के तहत जीआईजेड और बीएमजेड के साथ मिलकर ही डैशबोर्ड को विकसित किया गया है।  
:अब जबकि 2030 एजेंडा को प्राप्त करने की दिशा में एक अहम् कदम है,और इस सूचकांक रिपोर्ट का यह संस्करण एक विषय के रूप में साझेदारी के महत्व पर केन्द्रित है।
:सतत विकास हेतु एजेंडा 2030 को 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपनाया था।
:यह सूचकांक प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 16 SDG पर लक्ष्यावार अंको/स्कोर की गणना करता है।
:यह स्कोर 0-100 के बीच होता है जो 100 अंक प्राप्त कर लेगा उसे माना जायेगा की वह 2030 के लक्ष्यों को पूरा कर लिया है।
:इनका वर्गीकरण निम्नवत होता है-एस्पीरेंट(प्रतियोगी)- 0–49 का अंक,परफ़ॉर्मर(प्रदर्शन)-50-64,फ्रंट रनर (सबसे आगे)-65-99,अचीव(लक्ष्य पाने वाले)-100
:देश में कुल एसडीजी स्कोर में 6 अंकों का सुधार हुआ-2019 में 60 से बढ़कर 2020-2021 में 66 तक पंहुचा है।
राज्यों का प्रदर्शन-
उच्च अंक वाले-1-केरला,2-हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु,3-आंध्र प्रदेश,गोवा,कर्नाटका,उत्तरप्रदेश,4-सिक्किम,5-महाराष्ट्र।
निम्न अंक वाले-1-छत्तीसगढ़,नागालैंड ओडिसा,2-अरुणाचल प्रदेश,मेघालय,राजस्थान,उत्तर प्रदेश,3-असम,4-झारखण्ड,5-बिहार
उच्च शहरी क्षेत्र-शिमला,कोयम्बटूर,चंडीगढ़,तिरुअनंतपुरम,कोच्ची,पणजी,पुणे,तिरुचिरापल्ली,अहमदबाद,और नागपुर।
निम्न शहरी क्षेत्र –फरीदाबाद,कोलकाता,आगरा,कोहिमा,जोधपुर,पटना,गुवाहाटी,ईटानगर,मेरठ,और धनबाद
शहरों में से 44 शहर जिनकी आबादी 10 लाख से ऊपर थी। 12 राज्यों की ऐसी राजधानिया भी शामिल थी जिनकी आबादी 10 लाख से कम थी।  

एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट के लिए क्लिक करें-

इंटरैक्टिव डैशबोर्ड को देखने के लिए क्लिक करें 

6-भारतीय सेनाओं का सागर शक्ति प्रशिक्षण अभ्यास संपन्न

SAGAR SHAKTI ABHYAS
सागर शक्ति अभ्यास

चर्चा क्यों हैहाल ही में 19-22 नवंबर 2021 के बीच कच्छ प्रायद्वीप के सरक्रीक में सागर शक्ति अभ्यास का आयोजन किया गया।
प्रमुख तथ्य-:यह अभ्यास चार दिनों तक चला जिसमे भारतीय सेना,भारतीय वायु सेना,भारतीय नौसेना,भारतीय तटरक्षक बल,गुजरात पुलिस, समुद्री पुलिस और सीमा सुरक्षा बल ने भाग लिया।
:अभ्यास का उद्देश्य सुरक्षा बलों को बहुआयामी सुरक्षा खतरे का सामना करने के लिए भारतीय सेना की क्षमता और तत्परता का विस्तृत परिक्षण करना।
:इसमें थल जल और वायु क्षेत्र में किसी भी संभावित सुरक्षा चुनौतियों से एक साथ निपटने के लिए सैनिकों की तैनाती और कठिन युद्धाभ्यास भी शामिल है।
:यह राजस्थान और गुजरात के प्रशिक्षण क्षेत्रो में रहें दक्षिण शक्ति अभ्यास का एक भाग है।
दक्षिण शक्ति अभ्यास- :देश में थिएटर कमान बनाने हेतु युद्ध की परिस्थितियों में सशस्त्र सेनाओ के साथ बहु एजेंसी अर्थात खुपिया और सुरक्षा एजेंसियों से बेहतर तालमेल बनाने के लिए आयोजित किया जा रहा है इसमें भारतीय सेना के तीनो अंगो के साथ सशत्र बल और खुपियाँ एजेंसी भी भाग ले रही है।
:इसमें करीब 30000 से भी अधिक सैनिक और पुलिसकर्मी भाग लिए।
सर क्रीक के बारे में- :यह भारत पाकिस्तान के बीच विवादित सीमा पर सिंधु नदी डेल्टा के निर्जन दलदली भूमि में पानी की 96 किमी की पट्टीनुमा ज्वारीय मुहाना है। यह पाकिस्तान के सिंध प्रान्त को गुजरात के कच्छ क्षेत्र से अलग करती है तथा अरब सागर में गिरती है।जल की इस धरा को बाण गंगा भी कहा जाता है।
:यह सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपुर्ण स्थान रखता है।यह एशिया का सबसे बड़े मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों में से एक है।
इस विवादित जगह पर तेल और गैस के विशाल भंडार है।

7-दिल्ली में टैक्टिकल अरबेनिजम ट्रायल्स का उद्घाटन 

चर्चा क्यों है-दिल्ली के परिवहन मंत्री ने दिल्ली के राजघाट में टैक्टिकल अरबेनिजम (TU) ट्रायल्स का उद्घाटन किया है।
उद्देश्य- इसका उद्देश्य दिल्ली में सड़क सुरक्षा में सुधार करना है जिसे 2 महीने के लिए किए जाने वाले इन परीक्षणों के द्वारा देखा जायेगा।
टीयू परीक्षणयह त्वरित और कम लागत वाले हस्तक्षेप है जो सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए शहरी डिजाइन,परिवहन योजना और ढांचागत परिवर्तनों का परीक्षण करते हैं,इन परीक्षणों की सफलता के बाद इस परियोजना को स्थाई नागरिक निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी अर्थात लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया जाएगा।
प्रमुख तथ्य-:इस परियोजना को शहर के 13 इंटरसेक्शन और अन्य दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा।
:2 साल पहले इसी तरह के एक ट्रायल को पायलट आधार पर भलस्वा चौक में लागू किया गया था जिसे दुर्घटना में होने वाली मौतों की संख्या में कमी आई थी।

:दिल्ली सरकार ने इस पहल(TU) के लिए सेव लाइफ फाउंडेशन और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के साथ साझेदारी की है।
:इससे पहले सरकार ने साल 2018 में दिल्ली सड़क सुरक्षा नीति भी शुरू की थी।


शेयर करें

By gkvidya

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *