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1-भारत यूनेस्को विश्व विरासत समिति में चार वर्ष के लिए चुना गया

भारत यूनेस्को विश्व विरासत समिति में

सन्दर्भ- हाल ही में 25 नवंबर 2021 को भारत को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व विरासत समिति के लिए 2021-2025 तक चार साल के कार्यकाल के लिए चुन लिया गया है।
प्रमुख तथ्य-:भारत को इस चुनाव में 142 मत मिले,इस प्रकार भारत अब समिति के 12 नए सदस्यों में शामिल हो गया।
ये 12 सदस्य है-भारत,जापान,कतर,अर्जेंटीना,बेल्जियम,बुल्गारिया,ग्रीस,इटली, मैक्सिको,रवांडा, जाम्बिया,सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, ।
:भारत,को यूनेस्को के मुख्यालय फ्रांस में एच.ई. मिस्टर टेबोगो सेकोलो (दक्षिण अफ्रीका) के अध्यक्षता में आयोजित विश्व :विरासत सम्मेलन के लिए राज्य दलों की 23 वीं महासभा में चुना गया।
विश्व धरोहर समिति के बारे में-:इसकी स्थापन 1977 में किया गया।
:यह द्वितीय समिति संरक्षण पर रिपोर्टिंग और विश्व विरासत सम्मेलन को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
:यह विश्व धरोहर स्थलों के रूप में सूचीबद्ध होने वाली साइटों/स्थानों का चयन करती है,जिसमें विश्व विरासत सूची और खतरे में विश्व विरासत की सूची शामिल है।
:यह विश्व विरासत कोष के उपयोग को परिभाषित करती है और राज्यों के अनुरोध पर वित्तीय सहायता आवंटित करती है।
:विश्व धरोहर समिति की सालाना बैठक होती है जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुने गए राज्यों के दलों के कुल 21 प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
:इसके अध्यक्ष है चीन के तियान ज़ुएजुन।
यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड के बारे में-:यह संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के तीन संवैधानिक अंगों -सामान्य सम्मेलन,और सचिवालय में से एक है,जिसका चुनाव सामान्य सम्मेलन द्वारा किया जाता है।
:इसमें 58 सदस्य देश शामिल हैं,जिनमें से प्रत्येक का कार्यकाल 4 साल का होता है।
:कार्यकारी बोर्ड संयुक्त राष्ट्र संगठन के लिए कार्य और बजट अनुमान के कार्यक्रम की जांच करता है।
यूनेस्को के बारे में-:इसकी स्थापना,केम(CAME ) प्रस्ताव के आधार पर शैक्षिक और सांस्कृतिक संगठन की स्थापना के लिए नवंबर 1945 में लन्दन में संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन का आयोजन किया गया,इस सम्मलेन के अंत में 16 नवंबर 1945 को किया गया।

:यह संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है जो शिक्षा,विज्ञानं एवं संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग के द्वारा शांति स्थापना का प्रयास करती है।
:इसके सदस्य देशों की संख्या 193 और सम्बद्ध देशों की संख्या 11 है।
:इसका मुख्यालय पेरिस, फ्रांस में है तथा इसके क्षेत्रीय कार्यालय 53 है।
:इसके महानिदेशक है-ऑड्रे अज़ोले।

2-एंटी बैक्टिरीअल फैब्रिक को लांच किया गया 

सन्दर्भ-  हाल ही में केंद्रीय सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योग मंत्री ने एंटी बैक्टिरीअल फैब्रिक(कपड़ा) को लांच किया गया।
प्रमुख तथ्य-:इसको खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अंतर्गत जयपुर स्थित कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड ने विकसित किया है।
:इस फैब्रिक को गाय के गोबर में पाए जाने वाले एंटी बैक्टिरीअल एजेंट के प्रयोग से बनाया गया है।
:इसका उपयोग अस्पतालों एवं अन्य मेडिकल जरूरतों में किया जा सकता है।
:इस संस्थान ने इसके अतिरिक्त गाय के गोबर और प्लास्टिक मिश्रित कागज के प्रयोग द्वारा खादी प्राकृतिक पेंट भी बनाया है।
:इसका फायदा यह होगा की दोनों उत्पाद रोजगार निर्माण के अतिरिक्त पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देंगे।
क्या होता है एंटी माइक्रोबियल फैब्रिक-इस प्रकार के कपड़े का निर्माण ऐसे रसायन को मिलाकर किया जाता है जो रोगजनकों के कोशिकी स्तर को नष्ट कर विकास को रोक देता है,तथा बैक्टीरिया एवं अन्य खतरनाक रोगाणुओं से सुरक्षा भी प्रदान करता है।
:यह एंटी माइक्रोबियल साबुन और सैनिटाइज़र जैसा ही काम करता है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग(KVIC)-इसकी स्थापना संसद के खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम 1956 के तहत एक वैधानिक निकाय है,इसे अप्रैल 1957 से पहले अखिल भारतीय कड़ी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के रूप में जाना जाता था।
:इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खादी एवं ग्रामोद्योग की स्थापना,और विकास के लिए योजना बनाना,सुविधाएँ और सहायता देना तथा प्रचार करना।
:इसका मुख्यालय मुंबई में है,संभागीय कार्यालयों के साथ अन्य सभी राज्यों में ऑफिसेस है।

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग(KVIC) 

3-अब्दुल बाहा की 100वीं वर्षगाठ मनायी गयी 

चर्चा क्यों है- 27 नवंबर को दुनियाभर में बहाई समुदाय के लोग अब्दुल बाहा के निधन की सौवीं वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं
कौन है अब्दुल बाहा -:अब्दुल बाहा बहाई धर्म के संस्थापक बहाउल्लाह के सबसे बड़े पुत्र और बहाई धर्म के प्रमुख प्रतिपादक थे।
:इनका जन्म 1844 में ईरान में और मृत्यु 27 नवंबर 1921 को इजराइल के हाइफा में हुई थी।
:अब्दुल बाहा को उनके पिता के साथ बगदाद और अंत अक्का से निर्वासित कर दिया गया था।
:बाहा ने अपना जीवन का अधिकतम समय। एक कैदी के रूप में बिताया,अंततः 1908 में 64वर्ष की आयु में युवा तुर्क क्रांति के बाद आज़ादी मिली थी।
:1910 में ये मिस्र एवं पश्चिम की यात्र की जहा लोगो ने काफी सम्मान और खुले दिल से स्वागत किया।
:ये मानवता के भविष्य और धार्मिक एकता और सद्भाव, सार्वभौमिक शांति, लैंगिक समानता,आर्थिक न्याय, और आध्यात्मिक मूल्यों की बात करते थे।
:बाहा युद्ध को निरर्थक और विनाशकारी तथा मानवता को नष्ट करने वाली घटना मानते थे।
:प्रथम विश्व युद्ध के बाद इन्होंने फिलिस्तीन में भीषण अकाल के दौरान लोगों की सहायता में योगदान दिया था।
:ब्रिटैन ने इनके द्वारा किए गए धर्मार्थ कार्यों हेतु नाईट की उपाधि दिया था।
:इस धर्म के अनुयाई 180 से भी अधिक देशों में हैं।

4-मेघालय में मनाया गया चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल 2021

शिलॉन्ग में चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल 2021

चर्चा का कारण- मेघालय के शिलॉन्ग में चेरी ब्लॉसम फेस्टिवल 2021 का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री कॉनरॉड के संगमा और भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी द्वारा किया गया था।
प्रमुख तथ्य-:यह महोत्सव 25-27 नवंबर मध्य चला,जो मेघालय के पोलो ग्राउंड और वार्डस लेक में आयोजित किया गया था।
:इस समय राजधानी सहित राज्य के अन्य हिस्सों में गुलाबी चेरी ब्लॉसम फूल खिलते है,इसी पर आधारित होता है यह महोत्सव।
:इसी के साथ शिलांग साहित्व महोत्सव(शिलांग चेरी ब्लॉसम लिटरेरी फेस्टिवल) के प्रथम संस्करण का भी उद्घाटन किया गया था। –
:ये फूल हिमालय को रेखांकित करते हैं और खासी पहाड़ियों के पूर्व और पश्चिम क्षेत्रो को कवर करते हैं,इसे प्रूनस सेरासाइड्स के रूप में भी जाना जाता है।
:2016 से,ही राज्य,शिलांग में एक उत्सव आयोजित करके चेरी ब्लॉसम खिलने का जश्न मना रहा है।
:इसे राज्य पर्यटन विभाग द्वारा “शिलांग चेरी ब्लॉसम” के रूप में पुनः ब्रांडेड किया गया है।
:वार्ड्स लेक साहित्यिक उत्सव के पहले संस्करण के समारोहों की मेजबानी करेगा,जबकि पोलो ग्राउंड संगीत प्रदर्शन, फैशन शो और अन्य कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा।
मेघालय के अन्य नृत्य और त्यौहार/महोत्सव :
महोत्सव-शाद सुक मिनसिएम महोत्सव, नोंगक्रेम महोत्सव, बेहदींखलम महोत्सव
नृत्य- शाद वीकिंग (त्योहार नृत्य), शाद नोंगक्रेम या पोम्बलांग नोंगक्रेम
:मेघालय 2022 में अपने राज्य के स्थापन के 50 वर्ष पुरे होने का जश्न भी मनाएगा।

5-भारत और रूस के बीच 21वाँ शिखर सम्मलेन 6 दिसंबर से आरम्भ 

सन्दर्भ- भारत रूस वार्षिक शिखर सम्मलेन के लिए रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतीन का भारत दौरा 5 -6 दिसंबर को।
प्रमुख तथ्य- :ब्रासिलिआ में आयोजित ब्रिक्स सम्मलेन 2019 के बाद दोनों नेता पहली बार वार्ता करेंगे,2019 में रूस का दौरा प्रधानमत्री ने किया था परन्तु 2020 में कोविड के कारण वार्ता को स्थगित करना पड़ा था।
:यह वार्ता दोनों देशों के आपसी संबंधों की संभावनाओं की समीक्षा पर आधारित होगा,साथ ही रणनीतिक संबधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
:दोनों देशो के बीच पारस्परिक हित से जुड़े क्षेत्रीय,बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे भी वार्ता में शामिल किये जायेंगे।
भारत रूस सम्बन्ध काफी समय से चले आ रहे है अभी हाल ही में रूस द्वारा भारत को S-400 जैसी रक्षा प्रणाली भेजी जा रही  है।
2+2 वार्ता-यह भारत और रूस के बीच मंत्रिस्तरीय वार्ता होती है जिसमे दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री भाग लेते है,इस बार यह भारत में 6 दिसंबर 2021 को आयोजित की जा रही है जिसका प्रतिनित्धित्व भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे साथ दोनों देशो के समकक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव और और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु भी भाग ले रहे है।

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By gkvidya

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