सन्दर्भ-बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) के खगोलविदों के साथ-साथ BITS पिलानी, गोवा परिसर के खगोलविदों ने एक नया दृष्टिकोण तैयार किया है जिसके द्वारा संभावित रहने योग्य ग्रहों की उच्च संभावना के साथ पहचान कर सकते हैं।
प्रमुख तथ्य-:इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित एल्गोरिथम का इस्तेमाल किया गया है।
:जिसकी सहायता से 5000 पता किए गए ग्रहों में से 60 रहने योग्य ग्रह पाए गए है।
:इस पद्धति को “मल्टी स्टेज मेमेटिक बाइनरी ट्री अनोमली आइडेंटिफायर (MSMBTAI)” नाम दिया गया है,जो मल्टी स्टेज मेमेटिक एल्गोरिथ्म (MSMA)पर आधारित है।
:एमएसएमए एक मेम की सामान्य धारणा का उपयोग करता है,जो एक विचार या ज्ञान है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नकल द्वारा स्थानांतरित हो जाता है।
:एक मेम भावी पीढ़ी में क्रॉस-कल्चर के विकास को इंगित करता है और इसलिए, जैसे-जैसे पीढ़ियां गुजरती हैं, नए सीखने के तंत्र को प्रेरित कर सकती हैं।
:एल्गोरिथम प्रेक्षित गुणों से आदतन दृष्टिकोण का मूल्यांकन करने के लिए एक त्वरित जांच उपकरण के रूप में कार्य कर सकता है।
:इसमें पृथ्वी को एक विसंगति के रूप में देखा जा रहा क्योंकि पृथ्वी ही एकमात्र रहने योग्य ग्रह है।
:यह अध्ययन रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के मासिक नोटिस (MNRAS) पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।