
Photo:Twitter
सन्दर्भ:
:रक्षा मंत्री ने कोलकाता में GRSE लिमिटेड में Project 17A के Y- 3023 Dunagiri (दूनागिरी) युद्धपोत का उद्घाटन किया।
Y- 3023 Dunagiri प्रमुख तथ्य:
:15 जुलाई, 2022 को कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स लिमिटेड (GRSE) द्वारा निर्मित Project 17A के Y- 3023 Dunagiri (दूनागिरी) युद्धपोत का उद्घाटन किया।
:प्रोजेक्ट 17A के सभी युद्धपोत P17 (शिवालिक क्लास) के युद्धपोतों का ही फॉलो-ऑन हैं और सभी युद्धक नौकाओं में रडार से बचने में पहले से अधिक सक्षम प्रणाली, उन्नत हथियार, सेंसर तथा प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणालियां स्थापित की गई हैं।
:मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) और GRSE में सात P17A युद्धक नौकाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं।
:आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्र की खोज को साकार करने में नौसेना डिजाइन निदेशालय और नौसेना की अन्य टीमों के प्रयासों की प्रशंसा की गई।
:Y- 3023 Dunagiri समुद्र, आकाश और पानी के भीतर दुश्मनों को नष्ट करने के लिए बहुआयामी क्षमताओं वाला एक विश्व स्तरीय स्टील्थ फ्रिगेट साबित होगा।
:बदलते वैश्विक परिदृश्य में रक्षा बुनियादी ढांचे और रक्षा परिसंपत्तियों को बढ़ाने की आवश्यकता का बढ़ गई है ऐसे में दोनों देशों के बीच आर्थिक, राजनीतिक एवं व्यापारिक संबंध लगातार विकसित हो रहे हैं।
:हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं।
:दूनागिरी परियोजना से 3000 से अधिक स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
:प्रधानमंत्री के ‘सागर’ के दृष्टिकोण अर्थात ‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास’ को हासिल करने और भारत के राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा, संरक्षण तथा बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल एवं अन्य संगठनों को बुनियादी ढांचे व रक्षा परिसंपत्तियों को बढ़ाना होगा ताकि देश इन चुनौतियों से निपटने में सबसे आगे रहे।
:रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर बंगाल के वीर सेनानियों जतिंद्रनाथ मुखर्जी (बागा), खुदीराम बोस तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया और राष्ट्र के लिए उनके अविस्मरणीय योगदान का उल्लेख किया।
:नौसेना के भविष्य के 88 प्रतिशत अनुबंधों में लगभग 1,75,000 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय उद्यमों के माध्यम से किया जा रहा है।
:नेवी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (NWWA) की अध्यक्ष श्रीमती कला हरि कुमार ने युद्धपोत को पारंपरिक सम्मान दिया और नामकरण करके इसका नाम दूनागिरी रखा तथा दूनागिरी का हुगली नदी में जलावतरण किया गया।