संदर्भ-भारत ने 26 फरवरी 2022 को अमेरिका द्वारा प्रायोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के रूस के आक्रामकता के खिलाफ प्रस्ताव पर मतदान करने से परहेज किया है।
प्रमुख तथ्य-भारत ने अफ़सोस जताते हुए कहा है कि विवादों और मतभेदों को मिटाने का एकमात्र जरिया बातचीत है।
:प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत पड़े जबकि भारत चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने परहेज किया।
:रूस जो की इस महीने यूएनएससी की अध्यक्षता कर रहा है ने वीटो का प्रयोग करके इसे गिरा दिया।
:रूस 15 सदस्यी यूएनएससी का स्थायी सदस्य है।
:संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस कृष्णमूर्ति ने वोटों की व्याख्या करते हुए कहा कि भारत यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से बहुत परेशान है। इसके लिए कूटनीति का रास्ता भी अपनाया जाना चाहिए था।
:वर्तमान वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर,अंतर्राष्ट्रीय कानून और राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान पर आधारित है।
:परिषद के प्रस्ताव ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की स्वतंत्रता,संप्रभुता,एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
:प्रस्ताव में कहा गया था कि “यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़ी निंदा करता है” और यह फैसला करता है कि रूस “यूक्रेन के खिलाफ बल के अपने प्रयोग को तुरंत बंद कर देगा और किसी भी गैर-कानूनी खतरे या संयुक्त राष्ट्र के किसी भी सदस्य देश के खिलाफ बल के उपयोग से बचेगा”।
:प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि रूस “अपनी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन के क्षेत्र से अपने सभी सैन्य बलों को तुरंत,पूरी तरह से और बिना शर्त वापस ले बुला लेगा”।
:प्रस्ताव,मास्को से “यूक्रेन के डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) क्षेत्रों के कुछ क्षेत्रों की स्थिति से जुड़े निर्णय को तुरंत और बिना शर्त वापस लेने” के लिए भी कहा।