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“स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी” का उद्घाटन

सन्दर्भ- प्रधानमंत्री ने 5 फरवरी 2022 को श्रीरामानुजाचार्य की विशाल ‘समानता की मूर्ति’ को दुनिया को समर्पित किया गया,चीन में बनाया गया था।
प्रमुख तथ्य-:हालांकि एक भारतीय कंपनी भी ठेका लेने की दौड़ में थी,लेकिन अगस्त 2015 में चीन की “एरोसन कॉरपोरेशन” को ऑर्डर दे दिया गया था।
:216 फीट ऊंची “स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी” 11वीं सदी के भक्त संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है जिन्होंने आस्था,जाति और पंथ सहित जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया।
:मूर्ति ‘पंचलोहा’ से बनी है, जो पांच धातुओं:सोना,चांदी,तांबा,पीतल और जस्ता का एक संयोजन है,और दुनिया में बैठने की मुद्रा में सबसे ऊंची धातु की मूर्तियों में से एक है।
:इसे ‘भद्र वेदी’ नाम के 54 फुट ऊंचे आधार भवन पर स्थापित किया गया है।
:इसमें एक वैदिक डिजिटल पुस्तकालय और अनुसंधान केंद्र, प्राचीन भारतीय ग्रंथों, एक थिएटर, एक शैक्षिक गैलरी के लिए समर्पित फर्श हैं जो श्री रामानुजाचार्य के कई कार्यों का विवरण प्रस्तुत करते हैं।
:श्रीरामानुजाचार्य प्रतिमा के 14 मॉडल शुरू में आगम और शिल्प शास्त्र सूत्रों को शामिल करते हुए बनाए गए थे, जिनमें से तीन मॉडलों की 3डी स्कैनिंग के साथ जांच की गई और आगे सुधार किया गया।
:प्रतिमा की परिकल्पना श्री रामानुजाचार्य आश्रम के श्री चिन्ना जीयर स्वामी ने की है।
:स्टैच्यू ऑफ इक्वैलिटी का उद्घाटन 12 दिवसीय श्री रामानुज सहस्रब्दी समारोह का एक हिस्सा है,जो अभी श्री रामानुजाचार्य की1000वीं जयंती समारोह उपलक्ष्य में जारी है।
श्रीरामानुजाचार्य-श्री रामानुजाचार्य का जन्म 1017 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हुआ था,एक वैदिक दार्शनिक और समाज सुधारक के रूप में प्रसिद्ध हैं।

:उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता पर जोर दिया तथा भक्ति आंदोलन को पुनर्जीवित किए।
:वैष्णव धर्म के उत्थान के लिए पुरे देश में भ्रमण किए।
:रामानुजाचार्य 1137 ई.में ब्रह्मलीन हो गए


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By gkvidya

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