सन्दर्भ:
: सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, NABARD, और CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को सक्षम करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
PACS को सक्षम करने हेतु समझौता ज्ञापन के प्रमुख बिंदु:
: एमओयू के अनुसार, PACS, CSC के रूप में काम करने में सक्षम होंगे और अपने 13 करोड़ किसान-सदस्यों सहित ग्रामीण आबादी को 300 से अधिक सेवाएं प्रदान करेंगे।
: इसके अतिरिक्त, भारत सरकार (GOI) नागरिकों को CSC योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर उल्लिखित सभी सेवाओं की पेशकश करने के लिए PACS को अनुमति देने का इरादा रखती है।
: सेवाओं में बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन और अद्यतन, कानूनी सेवाएं, कृषि-इनपुट जैसे कृषि उपकरण, पैन कार्ड, साथ ही रेलवे, बस और हवाई टिकट से संबंधित सेवाएं शामिल हैं।
: PACS (Primary Agricultural Credit Societies) के लिए विकसित किए जा रहे एक सामान्य सॉफ्टवेयर की पैन-इंडिया तैनाती से CSC को लाभ होगा।
: वर्तमान में संचालन में 4 लाख CSC के भीतर, भारत सरकार अगले पांच वर्षों में 2 लाख PACS जोड़ने का इरादा रखती है।
: वित्त वर्ष 2023-2024 के बजट में हर पंचायत में बहुउद्देशीय PACS की स्थापना और दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना के लिए धन शामिल है।
: यह कदम “सहकार से समृद्धि” अवधारणा के पक्ष में काम करेगा और सहकारी समितियों को ग्रामीण विकास की रीढ़ बनाएगा।