![NAA KA VILAY CCI ME](https://gkvidya.com/wp-content/uploads/2022/06/NAA-KA-VILAY-CCI-ME-150x150.jpg)
Photo:Social Media
सन्दर्भ-नेशनल एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी (NAA) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है,NAA GST का मुनाफाखोरी रोधी प्रहरी है।
प्रमुख तथ्य-इसका कार्यकाल नवंबर में समाप्त हो रहा है,और रिपोर्ट के अनुसार,कोई विस्तार की योजना नहीं बनाई गई है।
:NAA 2017 में अस्तित्व में आया और तब से इसे दो एक्सटेंशन भी मिले हैं।
:NAA की जांच शाखा सीसीआई के तहत किसी न किसी रूप में काम करती रहेगी। इस कदम से नियामकों की बहुलता कम हो जाएगी क्योंकि सीसीआई स्वतंत्र रूप से मामलों को संभाल सकता है।
:जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी रोधी प्रावधानों को लागू करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
:NAA की भूमिका यह सुनिश्चित करना है कि कर की दर में कमी का लाभ उपभोक्ता तक तुरंत पहुंचे।
:यह मुख्य रूप से एनएए की भूमिका रही है क्योंकि जीएसटी परिषद पिछले पांच वर्षों में दरों में फेरबदल कर रही है।
:जब दरें बढ़ती हैं तो NAA का कोई लेना-देना नहीं होता है।
:अधिकारियों को अभी भी जीएसटी के शुरुआती वर्षों के बारे में कई शिकायतें मिल रही हैं, जिसमें कहा गया है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ पूरी तरह से उपभोक्ताओं को नहीं दिया गया है।
:भोजनालयों, सिनेमाघरों, रियल एस्टेट, तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान आदि जैसे क्षेत्रों को एनएए की जांच का सबसे अधिक सामना करना पड़ा है।
:कई मामलों में, नियामक ने व्यवसाय को उपभोक्ता को कथित रूप से अधिक चार्ज की गई राशि वापस करने का आदेश दिया।