
सन्दर्भ-भारत सरकार के आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय ने उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग व एग्नेस फ्रैंकेइस डी डी डेवलपमेंट के सहयोग से स्वच्छता व अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र में उत्प्रेरक परिवर्तन को प्रोत्साहन देने के लिए “स्वच्छता स्टार्ट-अप्स चैलेंज” की शुरुआत की गई है।
उद्देश्य-इस चैलेंज का उद्देश्य कार्यान्वयन योग्य विचारों और समाधानों को खोजने के लिए इस क्षेत्र के कौशल व विशेषज्ञता का लाभ उठाना है, जिन्हें पूरे शहरी भारत में बड़े पैमाने पर अपनाया और दोहराया जा सकता है।
प्रमुख तथ्य-:इस चुनौती के शीर्ष 10 विजेताओं को 25 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
:इनमें विलग्रो से 50 लाख रुपये तक का अनुवर्ती निवेश शामिल है। विलग्रो इस चैलैंज का कार्यान्वयन भागीदार है।
:इसके अलावा प्रत्येक विजेता को प्रौद्योगिकी भागीदार अमेजन वेब सेवाओं से 1,00,000 अमेरीकी डॉलर तक की राशि और तकनीकी सहायता प्राप्त होगी।
:यह चुनौती स्टार्टअप्स को क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
:इस चुनौती में भारत और फ्रेंच दोनों स्टार्टअप हिस्सा ले सकते है।
:यह 1 अक्टूबर, 2021 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए एसबीएम-यू 2.0 की सोच के साथ भी जुड़ा हुआ है, जो स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में स्थानीय रूप से नवोन्मेषी, कार्यान्वयन योग्य समाधानों और व्यावसायिक मॉडल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है।
:यह चार विषयगत क्षेत्रों में समाधान आमंत्रित करता है-
1-सामाजिक समावेशन
2-कचरे का शून्य ढेर (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन)
3-प्लास्टिक कचरा प्रबंधन और
4-डिजिटल सक्षमता के जरिए पारदर्शिता।
:स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में कचरा मुक्त शहर बनाना है।
:स्वच्छ टेक्नोलॉजी चैलेंज के तहत वैसे स्टार्ट-अप्स जिनके समाधान की वर्तमान में समीक्षा की जा रही है, वे शुरू की गई मंत्रालय की स्वच्छता स्टार्ट-अप चैलेंज में सीधे प्रवेश के योग्य हैं।