सन्दर्भ-भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) मई में अपने मिनी रॉकेट लॉन्चर –स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) की पहली उड़ान के लिए तैयार है।
प्रमुख तथ्य-:स्वदेशी रूप से विकसित मिनी-रॉकेट-लॉन्चर को विशेष रूप से छोटे वाणिज्यिक उपग्रहों को पृथ्वी की सतह से 200-2,000 किमी से कम-पृथ्वी की निम्न कक्षा (LEO) में ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
:इसकी पेलोड क्षमता 500 किलोग्राम तक है,साथ ही यह इसरो में 110 टन द्रव्यमान वाला सबसे छोटा वाहन है।
:वाणिज्यिक उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए निजी क्षेत्र के साथ एजेंसी की साझेदारी को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया।
:इसे इंटीग्रेट करने में सिर्फ 72 घंटे का समय लगेगा तथा काम करने के लिए केवल छह लोगों की आवश्यकता होगी।
:यह एक समय में कई माइक्रोसेटेलाइट लॉन्च करने के लिए सबसे उपयुक्त है और कई कक्षीय ड्रॉप-ऑफ का समर्थन करता है।
:इसे करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जा रहा है।
:केवल राष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए हर साल लगभग 15 से 20 SSLV की आवश्यकता होगी।
:विकासशील देशों,निजी निगमों और छोटे उपग्रहों के लिए विश्वविद्यालयों की आवश्यकता के कारण हाल के वर्षों में छोटे उपग्रहों को पृथ्वी की निम्न कक्षाओं में लॉन्च करना महत्वपूर्ण हो गया है।