सन्दर्भ:
: NCPCR ने बच्चों के उद्धार और उनकी घर वापसी के लिए GHAR पोर्टल (GO Home and Re-Unite) की शुरूआत की है।
GHAR पोर्टल के बारें में:
: किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) कानून, 2015 के अंतर्गत प्रोटोकॉल के अनुसार बच्चों के उद्धार और उनकी घर वापसी की डिजिटल निगरानी और उनका पता लगाने के लिए।
: NCPCR द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कुल 5175 बच्चों को स्वदेश वापसी के लिए गो होम एंड री-यूनाइट (GHAR) पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है।
: ज्ञात हो कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने “ट्रैक चाइल्ड पोर्टल” (Track Child Portal) विकसित किया है, जो महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पूर्वोत्तर राज्यों और झारखंड सहित सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में लापता और पाए गए बच्चों का पता लगाने में सक्षम है।
: ट्रैकचाइल्ड पोर्टल गृह मंत्रालय के CCTNS या अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग और नेटवर्क सिस्टम से भी जुड़ा हुआ है।
: ट्रैकचाइल्ड पोर्टल के एक घटक में “खोया-पाया” है, जहां कोई भी नागरिक किसी भी लापता या देखे गए बच्चे की रिपोर्ट कर सकता है।
GHAR पोर्टल की मुख्य विशेषताएं:
: बच्चों की तेजी से वापसी के लिए राज्य के संबंधित किशोर न्याय बोर्ड/बाल कल्याण समिति को बच्चों के मामलों का डिजिटल हस्तांतरण।
: जहां अनुवादक/दुभाषिया/विशेषज्ञ की आवश्यकता हो, संबंधित राज्य सरकार से अनुरोध किया जाना चाहिए।
: उन बच्चों की डिजिटल ट्रैकिंग और निगरानी जो किशोर न्याय प्रणाली में हैं और जिन्हें दूसरे देश/राज्य/जिले में वापस भेजा जाना है।
: बाल कल्याण समितियाँ और जिला बाल संरक्षण अधिकारी बच्चे के मामले की प्रगति की डिजिटल निगरानी करके बच्चों का सही उद्धार और पुनर्वास सुनिश्चित कर सकते हैं।
: फॉर्म में एक चेकलिस्ट प्रारूप प्रदान किया जाएगा ताकि जिन बच्चों को वापस भेजना मुश्किल हो या जिन बच्चों को उनके हकदार मुआवजा या अन्य मौद्रिक लाभ नहीं मिल रहे हैं, उनकी पहचान की जा सके।
: सरकार द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की सूची प्रदान की गई है, ताकि उद्धार के समय बाल कल्याण समितियाँ बच्चे को योजनाओं से जोड़ सकें ताकि उसका परिवार मजबूत हो और यह सुनिश्चित हो सके कि बच्चा अपने परिवार के साथ रहे।