सन्दर्भ-वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण पर नजर रखने वाले FATF ने पाकिस्तान को अपने आतंकवाद के वित्तपोषण के कारण “ग्रे लिस्ट” में बनाए रखा है,और इस्लामाबाद को अपनी वित्तीय प्रणाली में शेष कमियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए कहा है।
प्रमुख तथ्य-मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में विफल रहने के कारण पाकिस्तान जून 2018 से पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में है।
:इस मनी लॉन्ड्रिंग के वजह से आतंकी वित्तपोषण हुआ है,और इसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करने के लिए कार्य योजना दी गई थी।
:FATF के आदेशों का पालन करने में विफलता के कारण पाकिस्तान इस सूची में बना हुआ है।
:4 मार्च 2022 को पूर्ण बैठक ने देश के 34 में से 32 कार्य बिंदुओं को पूरा करने के बावजूद मौजूदा पाकिस्तान को श्रेणी से न हटाने का फैसला किया।
:पाकिस्तान अब तक चीन,तुर्की और मलेशिया जैसे करीबी सहयोगियों की मदद से ब्लैक लिस्ट में शामिल होने से बचता रहा है।
:FATF एक अंतर-सरकारी निकाय है जिसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग,आतंकवादी वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की प्रमाणिकता के लिए तथा अन्य संबंधित खतरों से निपटने के लिए की गई थी।
:FATF में वर्तमान में 39 सदस्य हैं जिनमें दो क्षेत्रीय संगठन – यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद (Gulf Cooperation Council) शामिल हैं।
:भारत FATF परामर्श और उसके एशिया प्रशांत समूह का सदस्य है।