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1-स्वयं सहायता समूह(SHG) से बनेगी महिलाएं भी लखपति

क्यों है चर्चा में यह मिशन-

प्रमुख तथ्य- 1:ग्रामीण विकास मंत्रालय ने महिलाओं को प्रतिवर्ष कम से कम ₹100000 कमाने में सक्षम बनाने के लिए एक पहल की शुरुआत की है इसके अतिरिक्त अगले 2 वर्षों में 25 मिलियन ग्रामीण SHG महिलाओं को आजीविका सहायता प्रदान की जाएगी

2 इस पहल पर हितधारक परामर्श कार्यशाला का आयोजन 28 अक्टूबर 2021 को किया गया था, जिसमें विशेष रूप से राज्यों के साथ बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन(BMGF)और ट्रांसफोर्म रूरल इंडिया फाउंडेशन (TRIF) ने भाग लिया था,रूरल इंडिया फाउंडेशन ने भाग लिया था.
3:ये महिलाएं लगातार ₹100000 कमा सकें हैं इसके लिए कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों से लेकर पशुधन तथा गैर लकड़ी वन उत्पाद(NTFP)के माध्यम से घरेलू स्तर पर आजीविका गतिविधियों में विविधता लाने के लिए सुनियोजित हस्तक्षेप के महत्व पर जोर दिया जाएगा, इसके लिए ग्राम संगठन और कलस्टर स्तर पर संघ के महत्त्व मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा,विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षित SHG सदस्यों के समर्पित सामुदायिक कार्यकर्ता इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु मदद भी करेंगे,राज्य को भी इन साझेदारो को प्रोत्साहित करना और सहायता देना को कहा गया है।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन-

यह एक परिपूर्णता वाली सोच को लेकर काम करती हैं इस कार्यक्रम के तहत अब तक 7.7 करोड महिलाओं को 7000000 स्वयं सहायता समूह में शामिल करने के साथ ही 6768 ब्लॉकों को कवर किया गया है,SHG आरंभिक पूजी से सहायता प्रदान करने से लेकर सालाना लगभग 80000 करोड़ की सहायता दी जा रही है इस मिशन के तहत विभिन्न वर्ग और जाति की गरीब महिलाएं इन समूहों और संघों में शामिल होती हैं।

दीनदयालय अंत्योदय योजना-

इसी प्रकार यह योजना भी ग्रामीण विकास की एक प्रमुख योजना है जो गरीब महिलाओं के लिए क्षमता निर्माण और विविध आजीविका के अवसर पैदा करने पर ध्यान देने के साथ ही ग्रामीण गरीबों को इस प्रकार की संस्थानों में संगठित करती है।

योजना से जुड़े लिंक पर क्लिक करें https://aajeevika.gov.in/hi/content/welcome-national-rural-livelihoods-mission-nrlm

 

2-भारतीय तटरक्षक जहाज सार्थक का किया गया उद्घाटन

प्रमुख तथ्य-1:28 अक्टूबर को इस स्वदेशी रूप निर्मित जहाज को कमीशन किया गया जो गुजरात के पोरबंदर में बेस्ड रहेगा।
2:यह संचालन और प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत के पश्चिमी समुद्री तट की निगरानी करेगा जिसकी कमान उप महानिरीक्षक जनरल एम एम सैयद के हाथ में होगी

3:ICGS सार्थक-

4:यह जहाज 105 मीटर लम्बा तथा 2450 टन की स्थापित क्षमता वाला है जो 9100 किलोवाट के दो डीजल इंजन द्वारा संचालित होगा,इसे ऐसे डिज़ाइन किया गया है ताकि वो 26 समुद्री मिल की अधिकतम गति प्राप्त कर सके,यह राष्ट्र के समुद्री समुद्री सुरक्षा और बचाव को महत्वपूर्ण रूप से सुरक्षित करेगा,यह पांच अपतटीय गश्ती पोतो(OPV) में से चौथा पोत है,जो की एक लम्बी दुरी की सतही जहाज है।यह भारत क्षेत्रो में पुलिसिंग,निगरानी और नियंत्रण,तश्करी को रोकना,समुद्री डकैती विरोधी अभियान के साथ साथ युद्ध के समय सिमित भूमिका का निर्वहन करेगा,इसमें चार अन्य OPV जहाज है -सजग,विग्रह,वराह और यार्ड 45006 वज्र है।

5-सार्थक का निर्माण-

इसका निर्माण मेक इन इंडिया के अनुसार गोवा शिपयार्ड्स द्वारा किया गया है जिसमे लगभग 70% तक स्वदेशी उपकरणों का उपयोग किया है जो की आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने में एक अहम् प्रयास है।

6:इसकी विशेषताएं क्या है-

इसमें अत्यधुनिक नेविगेशन और संचार उपकरण,सेंसर एवं मशीनरी से सुसज्जित है,इसमें तेल रिसाव प्रदुषण को रोकने के लिए प्रतिक्रिया उपकरण का प्रयोग किया गया है।

7:क्या है इसकी उपयोगिता –

अन्नय आर्थिक क्षेत्र में समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है

8:भारतीय तटरक्षक बल-

यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक समुद्री क़ानूनी प्रवर्तन एजेंसी के साथ खोज एवं बचाव कार्य करती है,इसकी स्थापना 1 फ़रवरी १९७७ को भारतीय तटरक्षा अधिनियम 1978 द्वारा किया गयाथा

3-आज है राष्ट्रीय एकता दिवस

प्रमुख तथ्य -1:इसे एकता दिवस के नाम से भी जाना जाता है जिसे हर वर्ष 31 अक्टूबर को मनाया जाता है।

2:क्यों माने जाता है –

यह दिवस देश के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद 562 रियासतों को पहल करके भारतीय संघ के रूप में एकीकृत किया,यह पहल एकता के प्रतिक के रूप में मनाया जाता है,आज के दिन 31 अक्टूबर को उनकी जयंती के उपलक्ष्य में इसे नेशनल यूनिटी डे या राष्ट्रिय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

3:इसे 2014 से हर साल माने जा रहा है.इस वर्ष उनकी 146वी वर्षगाठ है।

4:सरदार बल्लभ भाई पटेल –

इनक जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात के नाडियाड हुआ था वे भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए थे तथा बिखरे हुवे रियासतों को अपनी कुशल नेतृत्व द्वारा इनको भारत में मिला लिया इस लिए इनको स्वस्तंत्र भारत के सच्चे सामाजिक नेता और वास्तविक एकीकरणकर्ता के रूप है,उन्होंने सभी से श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए एकजुटता का आहवान किया।
5:इन्हे सिविल सेवको के संरक्षक संत के रूप में भी याद किया जाता है जिन्होंने आधुनिक सिविल सेवा प्रणाली की स्थापना की थी।
6:स्वतंत्रता आंदोलन के समय बारडोली सत्याग्रह (12 जून 1928) में उनकी अहम् भूमिका के लिए उपस्थित महिलाओं ने सरदार की उपाधि दी।
7:इनके नाम पर राष्ट्रिय एकता व अखंडता पुरष्कार भी दिया जाता है जो यह उनके द्वारा किये गए देश की सेवा के लिए उनके सम्मान में दी गयी एक सच्ची श्रद्धांजलि जो लोगो को एकता व् अखंडता को बनाने में प्रेरणा देगा।
8:सरकार ने गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित केवडिआ में उनके सम्मान में स्टेचू ऑफ यूनिटी का निर्माण कराया जिसका अनावरण 2018 में किया गया था, यह प्रतिमा 182 मीटर ऊँची है।

 

4-फेसबुक ने अपना नाम बदल कर मेटा किया

क्या संभावित कारण होंगे –

ऐसा माना जाता है की निजता के नाम पर कंपनी का नाम काफी सदिग्ध रहा है जिससे न केवल ब्रांड की वैल्यू घटी है बल्कि एक समय में सिलिकॉन वैली में मार्क जुकरबर्ग को सबसे अच्छा टेक्नोक्रेट और सीईओ मन जाता है ऐसे में उनकी छवि भी काफी ख़राब हुआ और उनकी रैंकिंग भी गिर गया, ऐसे में कंपनी के राजस्व पर काफी प्रभाव पड़ा,अभी हाल ही में व्हाट्सप्प,इंस्टाग्राम के साथ फेसबुक की सेवाएं बंद हुई थी जिनसे विज्ञापन पर असर पड़ा है तथा कुछ समय से इनके विज्ञापन मॉडल भी लगातार जाँच के दायरे में आते रहा है।
इसके अलावे फेसबुक पर तमाम पेपर लीक ममले भी पाए गए, इसके पूर्व कर्मचारी द्वारा पेपर लीक के बाद दुनिया को पता चला कि कैसे अपने अल्गोरिथम का प्रयोग कर फेसबुक ने गलत सूचना, नफ़रत और राजनीतिक संघर्षों को अपने प्लेटफार्म से हटाने के बजाय उसे अपने फायदे के लिए ज्यादे महत्त्व दिया।

प्रमुख तथ्य1:फेसबुक २००४ में लांच हुए थी तब से इसने कई अन्य सोशल सेवाएं का भी अधिग्रहण किये जिनमे शामिल है व्हाट्सअप,इंस्टाग्राम साथ ही डिजिटल वॉलेट नोवी,वीडिओ कालिंग पोर्टल,वर्चुअल सिस्टम ओकुलस जैसी तकनिकी सेवाओं में भी निवेश किया।
2:अभी भी इसके सोशल नेटवर्किंग साइट को फेसबुक ही कहा जा रहा है।

मेटावर्स क्या है –

मेटावर्स एक वर्चुअल तकनीक है जिसके माध्यम से लोग अपने को स्क्रीन पर देखने के अलावा उसके अंदर भी जा सकते है अर्थात एक ऐसी दुनिया जहा लोग मौजूद न होते हुवे भी रहेंगे इसके लिए डिजिटल गैजेट्स जैसे हेडफ़ोने,वर्चुअल रियलिटी हेडसेट,स्मार्टफोन ऐप इत्यादि से जुड़ते है

क्या क्या बदलेगा-

कंपनी की सिर्फ ब्रांडिंग बदली है यानि फेसबुक को अब मेटा कंपनी के नाम से जाना जायेगा,कंपनी के हेड क्वार्टर पर अब फेसबुक की जगह मेटा लिखा जायेगा, 1 दिसंबर से कंपनी के स्टॉक का स्टीकर बदलकर MVRS हो जायेगा,कंपनी के हेडक्वार्टर पर लगे अंगूठे की लाइक वाला लोगो हटाकर अब नए लोगो को लगाया गया है जो इनफिनटी से मिलता जुलता है।

5-दिल्ली में लिंगानुपात में बढ़ोतरी

प्रमुख तथ्य-1:दिल्ली सरकार ने दिल्ली में लिंगानुपात में सुधारों को लेकर घोषणा की है
2:यह आंकड़े दिल्ली में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण की वार्षिक रिपोर्ट पर आधारित है
3:इस रिपोर्ट के अनुसार 1000 पुरुषों पर 933 महिलाओं तक पहुंची है यह संख्या जब की यह साल 2019 में 920/1000 थी
4:2011 की जनगणना के अनुसार भारत का लिंगानुपात 940 था,हालाँकि सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) बुलेटिन 2018 के अनुसार 2016 -2018 के बीच जन्म के समय भारत का लिंगानुपात 899 है।

5:जबकि रिपोर्ट शिशु मृत्यु दर में सुधार को रेखांकित करता है जो 2019 में 24.19 से घटकर 2020 में 20.37/1000 हो चूका है।
6:रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है की 2019 में भारत का IMR 32 है जबकि मातृ मृत्यु दर में भी 2020 में।0.54 का मामूली सुधार देखा गया है,इसके साथ ही 2020 में जन्म दर में भी 14.85/1000 की गिरावट देखी गई है,जबकि मृत्यु दर घटकर 7.09 /1000 रह गई है।
7:नमूना पंजीकरण प्रणाली बुलेटिन 2018 के अनुसार-2019 में भारत की जन्म दर 20 है,मृत्यु दर 6.2 है।

 


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By gkvidya

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