सन्दर्भ-विश्व जल दिवस- 2022 के अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मंत्रालय के पेय जल तथा स्वछता विभाग द्वारा वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम में धूसर जल(Greywater) प्रबंधन के लिए “सुजलाम 2.0” को लांच किया।
विषय/थीम है-भू-जल अदृश्य को दृश्यमान बनाना।
प्रमुख तथ्य-:9 मंत्रालय के संयुक्त परामर्श से कार्यक्रम क्रियान्वयन से जुड़े लोगो के साथ तालमेल के आधार पर धूसर जल प्रबंधन अपने-अपने स्तर पर शुरू करेंगे।
:धूसर जल प्रबंधन कार्य को करने हेतु इस अभियान के तहत समुदायों,स्कूलों,पंचायतों जैसे संस्थानों को संगठित किया जाएगा।
:PRI घर और सामुदायिक सूखने वाले गड्ढे बनाकर सर्वाधिक उचित स्तर पर इसका प्रबंधन किया जा रहा है।
:धूसर जल बेहतर प्रबंधन वहीँ किया जा सकता है जहाँ से यह उत्पन्न हुआ है,और यदि यह एकत्रित और रुका रह जाता है तो इसे बड़े प्रबंधन और अवसंरचना चुनौती में बदला जा सकता है।
:धूसर जल प्रबंधन के काम को लागू करने हेतु धन SBM -G फेस चरण-2 या 15वें वित्त आयोग से जुड़े अनुदान या MGNREGS या सभी के मेलजोल के माध्यम से जुटाया जाएगा।
:इस अभियान में लोग सामूहिक रूप से स्थिति का आंकलन करेंगे योजना का निर्माण करेंगे और धूसर जल प्रबंधन गतिविधियों को लागू किया जाएगा।
:धूसर जल प्रबंधन के महत्त्व को लोकप्रिय बनाने हेतु IEC के प्रयास तथा राज्य,जिला और स्थानीय स्तर पर सामूहिक सामुदायिक कार्य राज्य,जिला और स्थानीय स्तर पर शुरू किया जाएगा।
:सुजलाम 2.0 अभियान को तीव्र चलाने हेतु PRI तथा VWSC सदस्यों, स्वच्छाग्राहियों,स्वयं सहायता समूह (SHG) के नेताओं से स्थानीय स्तर पर आहवान किया गया है।
:अभियान के तहत 6 लाख से अधिक गांव ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर गहन गतिविधि देखेंगे।
:सतत विकास लक्ष्य (SDG) 6 का उद्देश्य सार्वभौमिक रूप से सुरक्षित और शुद्ध पेयजल तथा स्वच्छता तक पहुंच प्रदान करना है।
:भारत में प्रतिदिन 31 बिलियन लीटर धूसर जल निकलता है।
:चुकी जल जीवन मिशन का उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से पानी का कनेक्शन देना है,ऐसे में गांव से निकले धूसर जल के उचित प्रबंधन करना जरुरी हो गया है।