सन्दर्भ-सेना दिवस के अवसर पर भारत ने खादी के कपड़े से बने विश्व के सबसे बड़े राष्ट्रीय ध्वज को जैसलमेर में भारत पाकिस्तान सीमा पर प्रदर्शन के लिए रखा।
क्या महत्त्व है-यह स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज प्रतिक है भारतीयता की सामूहिक भावना और खादी की विरासत शिल्पकला का।
प्रमुख तथ्य-:इसको जैसलमेर के लोंगोवाल में प्रदर्शन के लिए रखा गया।
:यह स्थान 1971 के भारत पाकिस्तान ऐतिहासिक युद्ध का केंद्रबिंदु था।
:2 अक्टूबर 2021 को लेह में पहले राष्ट्रीय ध्वज के उद्घाटन के बाद से यह राष्ट्रीय ध्वज का 5वां सार्वजनिक प्रदर्शन था।
:इससे पूर्व तीन राष्ट्रिय ध्वज का प्रदर्शन क्रमशः8अक्टूबर 2019 में सेना दिवस पर हिंडन एयरबेस(गाजियाबाद),100 करोड़ टीकाकरण के बाद 21 अक्टूबर 2021 को लाल किले पर,और 4 दिसंबर 2021 को नौसेना दिवस पर मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड पर किया जा चूका है।
ध्वज की विशेषताएं-:लगभग 1400 किग्रा वजन का यह स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज 225 फ़ीट लम्बा और 150 फ़ीट चौड़ा है।
:इस झंडे के निर्माण में 4500 मीटर हाथ से काटे और बुने हुए खादी के कपड़े का उपयोग किया गया है।
:इसको बनाने में 70 खादी कारीगरों ने 49 दिनों का समय लिए।
:इस झंडे में अशोक चक्र का व्यास 30 फ़ीट है।
:इस ध्वज को खादी और ग्रामोद्योग आयोग(KVIC) द्वारा स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज़ादी के अमृत महोत्सव मनाने के लिए बनाया गया है।