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1-जारी हुआ वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक

सन्दर्भ –COP-26 सम्मलेन के समय में वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक 17वा संस्करण 2022 जारी किया गया,जो क्रमवार रूप से 2005 से जारी हो रहा है।
कौन जारी करता है-इसे जारी करता है जर्मनवाच और इसे समग्र रूप से तैयार करता न्यू क्लाइमेट इंस्टिट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क। इसके माध्यम से जलवायु को निम्नतम स्तर पर लाने या रोकने के लिए किये गए कामों निगरानी,विश्लेषण और तुलना किया जाता है।इसमें 50 से अधिक उच्चतम उत्सर्जन वाले देश तथा यूरोपीय संघ शामिल है,जिनका कुल उत्सर्जन में 90% से भी का अधिक योगदान है। इसके कुल 14 इंडिकेटर जिन्हे अलग-अलग वेटेज (भारांश) को 4 श्रेणियों में बांटा गया है। जो निम्नवत है –
जीएचजी(GHG) उत्सर्जन कुल वेटेज का 40% है
नवीकरणीय ऊर्जा कुल वेटेज का 20%
ऊर्जा उपयोग कुल वेटेज 20%
और 4 जलवायु नीति कुल वेटेज 20%
इस सूचकांक का उद्देश्य क्या है-वैश्विक जलवायु गतिविधि में पारदर्शिता को बढ़ाना तथा विभिन्न देशों के जलवायु संरक्षण के प्रयासों की समीक्षा करना और उनके बीच के विकास की तुलना करना।
भारत की स्थिति -भारत 63.98 अंको के साथ 10वीं रैंक पर रहा जो पिछले 3वर्षों से लगातार शीर्ष 10 की सूची में बना हुवा है। परन्तु नवीकरणीय ऊर्जा में प्रदर्शन ठीक नहीं है लेकिन अन्य सभी श्रेणी में उच्च प्रदर्शनकर्ता है।
GHG उत्सर्जन में भारत 12वें स्थान पर है।
भारत की प्रति व्यक्ति उत्सर्जन दर काम रहा है।
प्रमुख तथ्य-:प्रथम तीन स्थान पर कोई काबिज नहीं हो पाया,स्वीडन 4th स्थान प्राप्त कर शीर्ष पर रहा,इसके बाद UK -5th,डेनमार्क-6th और मोरक्को-7th
:जबकि GHG उत्सर्जन के मामले में स्वीडन, मिश्र,चिल्ली और यूके शीर्ष 7 में शामिल है।
:इसी प्रकार स्कैंडिनेवियन देश, यूनाइटेड किंगडम और मोरक्को “रेस टू जीरो” में उच्च प्रदर्शन वाले देश रहे।
:अमेरिका 55वें तथा चीन 37वें स्थान पर रहे।
:ऑस्ट्रेलिया को प्रत्येक श्रेणी में सबसे कम रेटिंग मिला।
:न्यू क्लीमेंट इंस्टिट्यूट में 2014 में स्थापित किया गया था यह गैर लाभकारी संस्था है जिसका कार्यालय जर्मनी के शहर बर्लिन और कोलोन में है।
:जर्मनवाच 1991 में स्थापित एक गैर सरकारी संघठन (NGO) है जिसका कार्यालय जर्मनी के ही बर्लिन और बॉन में है।
:ऐसे ही क्लीमेंट एक्शन नेटवर्क(CAN) 1989 में स्थापित पर्यावरण और जलवायु से जुड़ा एक वैश्विक संसथान है इसका कार्यालय भी जर्मनी के ही बॉन में स्थित है।

2-अमेरिका शामिल हुआ अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन(ISA) में

चर्चा में क्यों है-कॉप 26 जलवायु सम्मेलन के दौरान 101वे सदस्य के रूप हस्ताक्षर कर इंटरनेशनल सोलर अलायंस में शामिल हुआ,इसकी घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन कैरी ने सम्मलेन के दौरान की।
महत्व क्यों है –यह इस बात को दिखता है कि दुनियाभर के देश सौर ऊर्जा के मूल्य को पहचान रहे हैं और स्वच्छ ऊर्जा को लेकर भविष्य की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इंटरनेशनल सोलर एलाइंस(ISA)-यह एक अंतर सरकारी संधि आधारित 124 देशों का अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना COP-21 सम्मलेन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने किया था। इसका प्रस्ताव 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
:इसमें शामिल सदस्य पूरी या आंशिक रूप से कर्क और मकर रेखा के बीच अवस्थित हैं।
संगठन का उद्देश्य- सौर प्रौद्योगिकी की लागत को कम करना और सदस्य देशों के बीच सौर ऊर्जा को अपनाने के लिए धन की व्यवस्था करना है,साथ ही सौर उर्जा निवेश को 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक करना है।
:इस संगठन ने लगभग 5 गीगावॉट स्थापित क्षमता वाली सौर परियोजना का निर्माण पहले ही कर लिया है,जिसे “ग्रीन ग्रीड इनीशिएटिव-वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रीड ‘कहा जाता है।

3-श्री रामायण यात्रा स्पेशल ट्रैन की शुरूआत किया गया IRCTC द्वारा

चर्चा में क्यों है -IRCTC यानि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कोर्पोरतीं ने 7 नवंबर को इस स्पेशल ट्रैन की शुरुआत की गयी
उद्देश्य है – सरकार की धार्मिक पर्यटन और देखो अपना देश पहल को बढ़ावा देने हेतु।
प्रमुख तथ्य-:यह ट्रैन 16 नवंबर से शुरू होगी तथा 29 नवंबर को अपनी यात्रा पूरी करेगी 13 रात /14दिन पैकेज के साथ।
:इसकी शुरुआत मदुरै से होगी और हम्पी,नाशिक,चित्रकूट,वाराणसी,प्रयागराज,श्रृंगवेरपुर,गया,सीतामढ़ी,जनकपुर इत्यादि स्टेशनो से होकर गुजरेगी।
:इस यात्रा में भगवन श्रीराम से जुड़े प्रमुख स्थानों को शामिल किया गया है।
:इस ट्रैन में प्रतिव्यक्ति किराया 14490 रुपयें है।

4-भारत का प्रमुख हवाई अड्डा घोषित किया गया शिरडी हवाई अड्डा

चर्चा में क्यों है- 10 नवंबर 2021 को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शिरडी हवाई अड्डे को एक प्रमुख हवाई अड्डा घोषित किया।
प्रमुख तथ्य -:इसका उद्घाटन 2 अक्टूबर 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था
:इसे हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण अधिनियम 2008 के तहत इसकी घोषणा की गयी है।
:इस हवाई अड्डे की लोकप्रियता बहुत जल्द बढ़ी क्योकि की कम समय की यात्रा में साई नगर जाने का बढ़िया विकल्प है।
:पिछले तीन वर्षो में 9 लाख यात्रियों ने इस सेवा का लाभ उठाया है।
:शिरडी हवाई अड्डे से दिल्ली,मुंबई,चेन्नई,बंगलुरु,हैदराबाद इत्यादि स्थानों के सेवाएं दी जाती है।
:अब इस हवाई अड्डे पर भी AERA(एयरपोर्ट इकनोमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी) के तहत वैमानिकी सेवा के लिए शुल्क लगाए जायेंगे,क्योकि ऐरा को वैमानिकी सेवाओं के लिए टेरिफ निर्धारित करने हेतु अनिवार्य किया गया है।
:यदि कोई हवाई अड्डा 35 लाख वार्षिक यातायात को संभल रहा है तो उसे सरकार ऐरा के अधिनियम के तहत एक प्रमुख हवाई अड्डे के रूप में नामित कर सकता है।

5-ई-अमृत वेब पोर्टल को लांच किया गया

चर्चा में क्यों है- भारत ने 10 नवंबर 2021 को ग्लास्गो में चल रहे cop26 समिट के दौरान ही इलेक्ट्रिक वाहन जागरूकता व पोर्टल ई -अमृत को लांच कर दिया है।
क्या है ई-अमृत पोर्टल- इसका(E-AMRIT) अर्थ है-एक्सेलरेटेड ई-मोबिलिटी रिवॉल्यूशन फॉर इंडिया’ज ट्रांसपोर्टेशन है जिसे निति आयोग ने यूके सरकार के सहयोग से भारत यू के संयुक्त रोड मैप 2030 के हिस्से के रूप में विकसित किया है।
उद्देश्य क्या है- :भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के बारे में जागरूकता पैदा करना जिससे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए जानकारी प्राप्त होगी। इस पोर्टल को मोबाइल फोन, टेबलेट, कंप्यूटर जैसे विभिन्न उपकरणों का उपयोग करके एक्सेस किया जा सकता है,साथ ही इस पोर्टल के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ताओं या इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने वालों की सहायता करना है।
:इस पोर्टल से भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार और उद्योग के बारे में सभी तरह की जानकारी ली जा सकती है।
:ई -अमृत पोर्टल का महत्व- पोर्टल के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई जाएगी जिससे सरकार के पहल में तेजी आएगी।
यह खरीद,निवेश और सब्सिडी के लिए वनस्टॉप सॉलूशनया डेस्टिनेशन होगा।

विस्तृत जानकारी के लिए क्लिक करे   e-AMRIT 


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By gkvidya

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