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1-आरबीआई की दो योजनाओं को प्रधानमंत्री ने किया

चर्चा में क्यों है –प्रधानमंत्री ने उपभोक्ता केंद्रित आरबीआई की दो नयी योजनाओं को 12 नवंबर को वर्चुअली लांच किया उनका कथन था की इन दो योजनाओ का उद्देश्य देश में निवेश के दायरों को बढ़ाना और निवेशकों को लिए पूंजी बाजार में पहुंच को आसान बनाना है।
ये दो योजनाएं है –
1-खुदरा प्रत्यक्ष योजना –इस योजना के अंतर्गत सरकारी प्रतिभूति बाजार तक खुदरा निवेशकों की पहुंच को बनाना ताकि वो केंद्र व राज्य सरकार के प्रतिभूतियों में सीधे निवेश कर सके,ऑनलाइन खाता खोल सकेंगे तथा इन प्रतिभूतियों का रख रखाव भी निःशुल्क होगा। इसमें जोखिम काम होगा और अपने निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को भी जान सकेंगे।
2-एकीकृत लोकपाल योजना-यह आरबीआई की संस्थाओं के खिलाफ ग्राहकों के शिकायत निवारण तंत्र की तरह काम करेगा तथा उनमे सुधार भी करेगा,यह योजना एक राष्ट्र एक लोकपाल के सिद्धांत पर कार्य करेगा,जिसके अंतर्गत ग्राहक के पास एक पोर्टल,एक मेल आईडी और एक पता जायेगा जिसके माध्यम से ग्राहक अपनी शिकायत कर सकता है अपने दस्तावेजों को जमा कर सकता है तथा इन दोनों की स्थिति को जान भी सकता है और समाधान पर अपनी प्रतिक्रिया (फीडबैक) भी दे सकता है।
सरकारी प्रतिभूति(सिक्योरिटीज) क्या है-केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उधारी जुटाने के लिए इन्हे जारी करती है जिसकी खरीद-बिक्री बाजार में होती है सरकारें इन्हे दो रूपों में जारी करती है,केंद्र सरकार इसे ट्रेजरी बील और डेट प्रतिभूति के रूप तो राज्य सिर्फ डेट प्रतिभूति जारी करती है।
छोटी अवधि के लिए जारी की गयी प्रतिभूति को ट्रेजरी बील कहते है जो एक साल से काम अवधि के लिए जारी की जाती है जबकि एक साल से अधिक की अवधि वाली प्रतिभूतियों को सरकारी बॉण्ड या डेट प्रतिभूति(सिक्योरिटीज) कहा जाता है।
इनको G-Sec या स्टेट डेवलपमेंट लोन भी कहते है। चुकी इनको सरकारें जारी करती है अतः इनमे निवेश पर जोखिम नहीं के बराबर होता है।

2- COP-27 जलवायु शिखर सम्मलेन की मेजबानी करेगा मिस्र

चर्चा में क्यों रहा- मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल्ल सीसी ने ग्लास्गो में जारी COP -26 सम्मलेन दौरान अफ़्रीकी देशो की और से रूचि के बाद 2022 में COP 27 के सम्मलेन की मेजबानी का निर्णय लिया। यही पर, 2023 में COP-28 की मेजबानी करेगा संयुक्त अरब अमीरात(UAE) का निर्णय लिया गया।
COP क्या है-यह UNFCCC की निर्णय लेने वाला सर्वोच्च प्राधिकरण है जिसे कॉन्फ्रेंस ऑफ़ पार्टीज के नाम से जाना जाता है।इसके अंतर्गत विभिन्न प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है जिनके लिए प्रतिवर्ष एक सत्र का आयोजन किया जाता है।
यह सभी देश UNFCCC जो की एक वैश्विक समझौता है जिसमे 197 देशों ने 1992 में हस्ताक्षर किये थे,के तहत इस सत्र/ सम्मलेन का आयोजन करते है।
COP की पहली बैठक मार्च 1995 में जर्मनी के शहर बर्लिन में हुआ था। जबकि COP-8 का आयोजन 2002 में नयी दिल्ली में हुआ था।

3-प्रधानमंत्री उद्घाटन करेंगे काशी कॉरिडोर परियोजना का

चर्चा में क्यों है –प्रधानमंत्री द्वारा 2018 में घोषित इस परियोजना का 13 दिसंबर 2021 को लोकार्पण किया जा रहा है,इस मंदिर के आस पास अतिक्रमण को कुछ समय पहले ही हटाया गया था।हालांकि अभी कार्यक्रम का पुष्टि होना बाकी है।
क्या है काशी कॉरिडोर परियोजना-यह पवित्र गंगा नदी घाट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक 320 मीटर लम्बे और 20 मीटर चौड़ाई वाला एक पैदल रास्ता है,जिसके साथ एक संग्रहालय,एक मुक्ति भवन,सुविधा केंद्र और पुष्तकालय होगा। इसमें मंदिर चौक का निर्माण किया गया है जो इस परियोजना का सबसे अधिक क्षेत्रफल(7541 वर्ग मीटर) वाला भाग है।
कशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में –भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हज़ारो वर्षो से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित यह मंदिर हिन्दू धर्म में एक विशिष्ट स्थान रखता है,यह गंगा के पश्चिमी तट पर स्थित है,ऐसी मान्यता है कि यह प्राचीनतम मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती का आदि स्थल है।
इसका जीर्णोद्धार 11वीं सदी में राजा हरिश्चंद्र ने करवाया था जिसे मुहम्मद गोरी ने 1194 में तुड़वा दिया था।
वर्त्तमान मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा 1780 में करवा गया,बाद में 1853 में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा 1000 किग्रा सोने से निर्मित किया गया।
प्रमुख तथ्य -:इस परियोजना की कुल लागत 600 करोड़ है।
:उद्घाटन में सारे नदियों के जल से जलाभिषेक किया जायेगा।
:सभी ज्योतिर्लिंगों के पूजारी इसमें उपस्थित होंगे।
:मंदिर के इतिहास और अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किये गए पुरूद्धार की कहानी को लेज़र द्वारा प्रदर्शित किया जायेगा।

4- भारत और फ्रांस सैन्य अभ्यास “युद्धाभ्यास शक्ति 21″के छठे संस्करण का आयोजन करेंगे

चर्चा का कारण- इस द्विवार्षिक सैन्य अभयास का आयोजन 15 नवंबर से फ्रांस के फ्रीजस में भारत के साथ मैत्री सम्बन्धो के आधार पर शुरू किया जायेगा,क्योकि भारत भी 2021 में ही नौसेना और वायुसेना अभ्यास कर चूका है।
प्रमुख तथ्य-:यह अभ्यास 15 -26 के बीच जाएगी।
:इस शक्ति अभ्यास का 5वां संस्करण 2019 में भारत में राजस्थान के महाजन फील्ड रेंज में 31 अक्टूबर से 13 नवंबर के बीच आयोजित किया जा चूका है।
:इस अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व गौरवशाली गोरखा राइफल्स करेगी जबकि फ्रांस से 21वीं मरीन इन्फेंट्री रेजिमेंट करेगी।
:यह अभ्यास संयक्त राष्ट्र के तहत अर्द्ध शहरी इलाके के आधार में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर ध्यान देगा।
:भारत फ्रांस के साथ तीन द्विवार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास करता है –अभ्यास गरुण वायुसेना के साथ,अभ्यास वरुण नौसेना के साथ और अभ्यास शक्ति थल सेना के साथ।
उद्देश्य- दोनों सेनाओं के बीच सैन्य सहयोग और अंतर संचालन को बढ़ावा देना।

5-डेलाइट सेविंग टाइम सिस्टम

 क्यों रहा चर्चा में –हल ही में अमेरिका के लोगो द्वारा मानक समय लागु होने के बाद अपनी घडयों को एक घंटा पीछे करना पड़ा
उद्देश्य –ऊर्जा बचत के साथ डेली रूटीन कामों को समय से एक घंटा पहले ही पूरा कर लेना जो की पर्यावरण के हिसाब से एक संधारणीय(टिकाऊ) अवधारणा है। हालाँकि अभी भी इसमें व्यापक विरोधाभास देखने को मिलता है।
क्या है डेलाइट सेविंग टाइम –इस अवधारणा को पहली बार 1784 में बेंजामिन फ्रैंकलिन के एक निबंध से लिया गया जिसके अंतर्गत उत्तरी गोलार्द्ध के देशों द्वारा दिन के उजाले का बेहतर उपयोग करने हेतु मार्च के अंत में या अप्रैल में मानक समय से एक घंटा आगे कर दिया जाता है तथा सितम्बर के अंत या अक्टूबर में पुनः वापस पुराने समय पर सेट किया जाता है अर्थात 7 महीने आगे और 5 महीने पीछे यानि निर्धारित समय पर कर दी जाती है।
इसे ग्रीष्म समय(समर टाइमर) कहा जाता है।

6-विश्व मधुमेह दिवस

सन्दर्भ- हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (वर्ल्ड डायबिटीज डे) के रूप में मनाया जाता है।क्योंकि यह इन्सुलिन के खोजकर्ता सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन है।इन्होने चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकत इसकी खोज की थी।
उद्देश्य –मधुमेह से जुडी चिंताओं का निराकरण करना,इसके बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा इसके शीघ्र निदान को प्रोत्साहित कर इससे प्रभावित लोगो कि सहायता करना।
प्रमुख तथ्य- :2006 से संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता प्रदान की है।
:साल 2021-2023 की थीम हैं-एक्सेस टू डायबिटीज केयर: इफ नॉट नाउ,व्हेन ?
इन्सुलिन क्या है –अग्न्याशय द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है यह भोजन में उपस्थित ग्लूकोज को कोशिकाओं में पहुँचती है।
मधुमेह क्या है – यह एक क्रोनिक बीमारी है जिसमे अग्न्याशय इन्सुलिन बनाने में असमर्थ हो जाता है,या बनाये गए मात्रा का शरीर सही प्रकार प्रयोग न कर पाए,तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है,इससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है(हाइपरग्लासिमिआ )।

इसके दो प्रकार है टाइप-1 और टाइप-2,जिसमे टाइप 1 को रोका नहीं जा सकता इसे सिर्फ इसे इन्सुलिन इंजेक्शन द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है जो की मुख्यतः बच्चों और किशोरों में दीखता है जबकि टाइप -2 रोकथाम एवं उपचार योग्य होता है,इससे ही 90% लोग ग्रसित है।
इस कारण भारत में लगभग 46% लोग दृष्टिबाधित होते है कारण है उच्च रक्त शर्करा के द्वारा रेटिना का क्षतिग्रस्त होना।
भारत में स्थिति क्या है-चीन के 116 मिलियन रोगी के बाद भारत इस सूची में 77 मिलियन रोगिओं के साथ दूसरे स्थान पर है पुरे विश्व में भारत का मधुमेह में योगदान 15% का है।


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By gkvidya

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