सन्दर्भ:
: 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आयोजित हो रहा है।
2023 की थीम है:
: ‘आसीयान मैटर्स: एपीसेंट्रम ऑफ़ ग्रोथ’
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: आसियान भारत की एक्ट-ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है और इसका भारत की हिंद-प्रशांत नीति में महत्वपूर्ण स्थान है।
: भारत और आसियान साझेदारी अपने चार दशक पूरे कर चुकी।
: शीत युद्ध के समय आसियान की स्थापना 1960 के दशक में हुई थी।
: यह समूह राजनीतिक रूप से विविध है, साथ ही यह एकता और सदस्यों के आंतरिक मामलों में अ-हस्तक्षेप को प्राथमिकता देता है।
: इस सम्मेलन की अध्यक्षता इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने किया।
: भारत का आसियान देशों के साथ बेहतर व्यापार संबंध का अर्थ है इस क्षेत्र में चीन की उपस्थिति का मुकाबला करने के साथ ही भारत की आर्थिक वृद्धि और विकास है।
: आसीयान महत्त्व रखता है क्योंकि यहाँ सभी की आवाज सुनी जाती है, और यह एपीसेंट्रम ओफ़ ग्रोथ है क्योंकि वैश्विक विकास में आसीयान क्षेत्र की अहम भूमिका है।
: फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक की प्रगति में, और ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद करने में, हम सबके साझे हित हैं।
: पिछले साल भारत-आसीयान फ्रेंटशिप ईयर मनाया, और आपसी संबंधो को एक कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का रूप दिया।
आसियान-भारत संबंध के बारें में:
: आसियान-भारत संवाद संबंध 1992 में एक क्षेत्रीय साझेदारी की स्थापना के साथ शुरू हुए।
: यह दिसंबर 1995 में पूर्ण संवाद साझेदारी और 2002 में शिखर-स्तरीय साझेदारी की ओर अग्रसरा हुआ।
: आसियान को दक्षिण-पूर्व एशिया में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है।
: भारत और अमेरिका, चीन, जापान व ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं।
: परंपरागत रूप से भारत-आसियान संबंधों का आधार साझा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर है।