
सन्दर्भ-यूनेस्को ने 16 दिसंबर 2021 को अमूर्त विरासत सूची में जौमौ सूप नामक एक पारंपरिक हैतियन सूप को शामिल कर लिया।
प्रमुख तथ्य-:इस हैतियन सूप को व्यापक रूप से हैती की स्वतंत्रता का प्रतिक माना जाता है।
:यह एक स्क्वैश आधारित सूप है जो एक व्यंजन से कही ज्यादा है,जो हैती की स्वतंत्रता के नायकों और नायिकाओं के कहानी के साथ साथ मानवाधिकारों और कड़ी मेहनत से हासिल आजादी की कहानी को बताता है।
:यह सूप 1 जनवरी 1804 को हैती को आज़ादी मिलने तक फ़्रांसिसी कब्ज़े के अंतर्गत दासों के लिए लम्बे समय मना की गई चींजों का प्रतिक बन गया,परन्तु आज़ादी के बाद लोगो ने सूप खाकर जश्न मनाया था।
:इसे गुलामी से मुक्ति की वर्षगाठ मनाने के लिए नये वर्ष के दिन परोसा जाता है।
:अमूर्त सांस्कृतिक विरासत-यह एक अभिव्यक्ति,अभ्यास,प्रतिनिधित्व,कौशल या ज्ञान के रूप जाना जाता है।
:यह यूनेस्को के सांस्कृतिक विरासत का एक हिस्सा है,इसमें लोक कथाओं,परम्परों,रीति रिवाजों,विश्वासों,भाषा और ज्ञान जैसी गैर भौतिक सम्पदाओं को शामिल किया जाता है,जो पूर्वजों से विरासत में मिली हैं और वंशजों को दी गई हैं।