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Climate Change Management Program
लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम लांच
Photo:PIB

सन्दर्भ-विश्व पर्यावरण दिवस के संयोजन में राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (NIUA) तथा विश्व संसाधन संस्थान (WRI) भारत, ने संयुक्त रूप से एक अभ्यास आधारित लर्निंग प्रोग्राम लीडर्स इन क्लाइमेट चेंज मैनेजमेंट प्रोग्राम (LCCM) की घोषणा की।

इसका लक्ष्य है:

:भारत में विभिन्न सेक्टरों तथा भौगोलिक स्थानों पर जलवायु कार्रवाई में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए शहरी पेशेवरों के बीच क्षमता निर्माण करना है।
:इस फेस टू फेस लर्निंग मॉड्यूल को सुगम बनाने के लिए मैसूरु के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान (ATI) ने NIUA तथा डब्ल्यूआरआई इंडिया के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किया।
:समझौते के बाद एलसीसीएम प्रोग्राम का पहला डिलीवरी पार्टनर बन गया।
:LCCM में भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को अर्जित करने हेतु एक समन्वित प्रयास की दिशा में मध्य से कनिष्ठ स्तर के सरकारी अधिकारियों तथा अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं सहित 5,000 पेशेवरों को सक्षम बनाने तथा उन्हें जलवायु परिवर्तन अनुकूलन एवं शमन समाधानों के लिए तैयार करने की कल्पना की गई है।
:केंद्रीय आवास तथा शहरी मामले मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज भारतीय नगरों में क्लाइमेट लीडर्स के बीच क्षमता निर्माण के लिए लर्निंग प्रोग्राम तथा आधे दिन की कार्यशाला का भी शुभारंभ किया।
:एसीसीएम कार्यक्रम में न केवल सैकड़ों क्लाइमेट लीडर्स की पहचान करने की कोशिश की गई है बल्कि इसमें इस पर फोकस किया गया है कि किस प्रकार इन लीडर्स को उनके प्रशिक्षण के संदर्भ में अनुकूलित बनाया जा सकता है और किस प्रकार वे आगे बढ़ेंगे।
:संयुक्‍त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) तथा इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) की साझीदारी में डिजायन तथा कार्यान्वित किए गए LCCM प्रोग्राम का उद्वेश्य इस लक्ष्य को अर्जित करना है।
:एलसीसीएम प्रभावी जलवायु कार्रवाई प्रदान करने के लिए खुद को कुशल बनाने तथा तैयार करने में लगे शहरी प्रैक्टिशनरों के लिए एक ब्लेंडेड यानी मिश्रित लर्निंग प्रोग्राम है।
इस प्रोग्राम के चार चरण हैं:
पहला चरण-एक ऑनलाइन लर्निंग मॉड्यूल है जिसे आठ सप्ताह में पूरा किया जा सकता है,
दूसरा चरण-चार से छह दिनों तक चलने वाला आमने-सामने का यानी फेस टू फेस सत्र है,
तीसरा चरण-सहभागियों को छह से आठ महीनों में एक परियोजना को पूरा करने तथा ज्ञानवर्धक दौरों के लिए अधिदेशित करता है।
चौथा चरण-में नेटवर्किंग एक कम्युनिटी आफ प्रैक्टिस की स्थापना करना शामिल है।
:आनलाइन लर्निंग को एनयूआईए की क्षमता निर्माण शाखा नेशनल अर्बन लर्निंग प्लेटफॉर्म (NULP) पर होस्ट किया जाएगा।
:इसे मैसुरु स्थित ATI पर भी होस्ट तथा सपोर्ट किया जाएगा।


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By gkvidya

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