सन्दर्भ-भारत को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की 82.5 किलोमीटर लंबी दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS (क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम-Regional Rapid Transit System) लाइन के पहले चरण के लिए अपनी पहली सेमी हाई-स्पीड क्षेत्रीय ट्रेन एल्स्टॉम (Alstom) से मिली है जो स्मार्ट और टिकाऊ मोबिलिटी में एक वैश्विक अग्रणी कंपनी है।
प्रमुख तथ्य-सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम और आत्मानिर्भर भारत की महत्वाकांक्षा के अनुरूप यह ट्रेन 100% स्वदेशी है।
:रोलआउट समारोह गुजरात के सावली में एल्सटॉम के निर्माण स्थल पर मनोज जोशी,अध्यक्ष-एनसीआरटीसी सचिव,आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) की उपस्थिति में आयोजित किया गया था; विनय कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक (एमडी), एनसीआरटीसी, और एलेन स्पोहर,एमडी, एल्सटॉम इंडिया
:केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, एमओएचयूए आभासी रूप से शामिल हुए।
हाई-स्पीड रीजनल ट्रेन के बारे में:
:इसे एल्सटॉम के हैदराबाद इंजीनियरिंग सेंटर में डिजाइन किया गया है और सावली में निर्मित किया गया है।
:इसका डिजाइन दिल्ली के प्रतिष्ठित लोटस टेंपल से प्रेरित है।
:मानेजा (गुजरात) में कंपनी के कारखाने में प्रणोदन प्रणाली और इलेक्ट्रिकल्स का निर्माण किया जाता है।
:इसकी गति 180 किमी प्रति घंटा है।
:इससे दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा के समय में 40% की कमी आने की उम्मीद है।
:यह अर्ध उच्च गति वाली वायुगतिकीय ट्रेनें ऊर्जा कुशल हैं,यात्रियों के लिए प्रीमियम यात्री अनुभव के लिए आराम और सुरक्षा सुविधाएं प्रदान करती हैं,जिनमें विकलांग लोग भी शामिल हैं।
:सावली साइट बोगियों और कार निकायों का निर्माण करती है और ट्रेन परीक्षण करती है।
:सावली के इस एल्स्टॉम प्लांट ने दिल्ली मेट्रो और क्वींसलैंड रेल ट्रेनों को सफलतापूर्वक वितरित किया है और वर्तमान में कानपुर और आगरा शहरों के लिए मेट्रो ट्रेनों का उत्पादन कर रहा है।