सन्दर्भ-केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने 15 जनवरी 2022 को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’के हिस्से के रूप में हैदराबाद में भारत के पहले बीएचईएल-निर्मित ‘कोल टू मेथनॉल’ (CTM-Coal to Methanol ) पायलट प्लांट को राष्ट्र को समर्पित किया।
प्रमुख तथ्य-मेक इन इंडिया और आत्मानिर्भर भारत जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार पहले ही विनिर्माण क्षेत्र के महत्व को उजागर कर चुकी है।
:पूंजीगत सामान उद्योग विनिर्माण क्षेत्र की रीढ़ है क्योंकि यह उपयोगकर्ता-उद्योगों के व्यापक समूह को मशीनरी और उपकरण जैसे महत्वपूर्ण इनपुट प्रदान करता है।
:0.25 टीपीडी (टन प्रति दिन) क्षमता वाले सीटीएम पायलट प्लांट जिन्हें बीएचईएल द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और स्थापित किया गया है,वर्तमान में उच्च राख वाले भारतीय कोयले से 99 प्रतिशत से अधिक शुद्धता के साथ मेथनॉल का उत्पादन कर रहे हैं।
:ध्यान देने योग्य है कि उच्च राख वाले भारतीय कोयले का गैसीकरण मार्ग से मेथनॉल में परिवर्तन भारत में अपनी तरह का पहला प्रौद्योगिकी प्रदर्शन है।
:मेथनॉल एक स्पष्ट तरल रसायन है जिसका उपयोग प्लास्टिक,पेंट,सौंदर्य प्रसाधन और ईंधन सहित हजारों दैनिक उपयोग के उत्पादों में किया जाता है।
:मेथनॉल भी एक ऊर्जा संसाधन है जिसका उपयोग समुद्री, मोटर वाहन और बिजली क्षेत्रों में किया जाता है,और यह एक उभरता हुआ अक्षय ऊर्जा संसाधन भी है।
:इसके अतिरिक्त हैदराबाद इकाई में “आत्मनिर्भर भारत के तहत विकसित उत्पाद” पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया था।
:तेलंगाना क्षेत्र से सम्बंधित “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम” के गुमनाम नायकों पर ऑडियो विजुअल प्रस्तुति भी दी गई।