सन्दर्भ-भारत अपने पहली mRNA कोविड वैक्सीन को अप्रैल तक शुरू करेगा,इसके लिए वैक्सीन के मानव परीक्षणों के डेटा को महीने के अंत तक मूल्यांकन के लिए अधिकारीयों को प्रस्तुत किए जाने की सम्भावना है।
प्रमुख तथ्य-कंपनी के अधिकारी अप्रैल से पहले उत्पाद को शुरू करने की योजना पर काम कर रहे है।
:इस वैक्सीन को पुणे स्थित जेनोवा बायोफार्मास्युटिकाल्स द्वारा विकसित किया जा रहा है।
:वैक्सीन की सुरक्षा,सहनशीलता और प्रतिरक्षात्मकता का मूल्याङ्कन करने के लिए वर्तमान में वैक्सीन दूसरा और तीसरा ट्रायल चल रहा है।
:परिक्षण के लिए लगभग 4000 स्वयसेवकों को नियुक्त गया है।
:भारत ने अब तक छह टीकों को मंजूरी दी है जिनका निर्माण स्थानीय स्तर पर किया जा सकता है।
:वैश्विक स्तर पर संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में mRNA वैक्सीन टीकाकरण कार्यक्रमों में अग्रणी रहे है,क्योकि वे आणविक जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुई हालिया प्रगति का लाभ लेने में सक्षम है।
:फ़ाइज़र और मॉडर्न द्वारा बनाए गए mRNA कोविड वैक्सीन एक सीमा है कि उन्हें उप-शून्य स्थितियों अर्थात ज़ीरों डिग्री सी से कम तापमान में संग्रहित करने जरुरत होती है,इस तरह उन देशों में उपलब्ध होता है जहां इस तरह की प्रशीतन क्षमता है।
: जबकि भारत के mRNA कोविड वैक्सीन को साधारण रेफ्रिजेटर में संग्रहित किया जा सकता है।