सन्दर्भ-भाजपा सरकार ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रतापसिंह राणे को उनके 50 वर्षों के विधायक (MLA ) के रूप में सेवा के लिए “कैबिनेट मंत्री के पद का आजीवन दर्जा (lifetime status of the rank of Cabinet minister) प्रदान करके सम्मानित किया था।
प्रमुख तथ्य-प्रतापसिंह राणे गोवा के छह बार मुख्यमंत्री रह चुके है और पूरे 50 वर्षों से विधायक (MLA) हैं।
:हाईकोर्ट में यह मामला बताता है कि इस कदम ने 91वें संशोधन का उल्लंघन किया।
:एक सदनीय गोवा विधानसभा में 40 सीटें हैं।
:गोवा में 12 सदस्यीय कैबिनेट है,और राणे को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने से कैबिनेट रैंक की संख्या बढ़कर 13 हो जाती है जो संविधान द्वारा अनिवार्य सीमा से अधिक है।
:संविधान (91वां संशोधन) अधिनियम, 2003 ने अनुच्छेद 164 में खंड 1A को शामिल किया है,जिसके अनुसार “किसी राज्य में मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होगी बशर्ते कि मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या एक राज्य में 12 से कम नहीं होगा”।
:ज्ञात हो कि प्रताप सिंह राणे को विगत दिनों में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था।
:प्रताप सिंह राणे कांग्रेस के दिग्गज नेता है वो गोवा विधानसभा में 11 बार विधायक के रुप में भी चुने गए हैं।