1-केयर्न एनर्जी के नाम को बदला जाएगा
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प्रमुख तथ्य-:तेल और गैस खोज कंपनी केयर्न एनर्जी पीएलसी आप अपना नाम बदलकर कैप्रीकॉर्न एनर्जी पीएलसी करेगी जो 31 दिसंबर 2021 से प्रभावी होगा।
:यह कंपनी ब्रिटेन तेल और गैस खोज कंपनी है।
:केयर्न एनर्जी ने अपनी घरेलू इकाई केयर्न इंडिया को वर्ष 2011 में खनन क्षेत्र के उद्योगपति अनिल अग्रवाल की वेदांता समूह को बेच दिया था जिसे वेदांता समूह ने वर्ष 2018 तक केयर्न इंडिया लिमिटेड नाम से ही कंपनी चलाई उसके बाद वेदांता लिमिटेड तेल और गैस खोज और उत्पादन का संचालन केयर्न ऑयल एंड गैस के नाम से कर रही है।
:अभी भी लंदन स्टॉक एक्सचेंज(LSE) में कंपनी का नाम सीएनई के रूप में ही रहेगा।
:केयर्न एनर्जी पीएलसी यूके स्थित एक स्वतंत्र ऊर्जा कंपनी है,जो तेल और गैस की खोज,विकास तथा उत्पादन का कार्य करती है।
2-तकनीकी वस्त्र निर्यात
सन्दर्भ-केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने तकनीकी वस्त्र (टेक्निकल टैक्सटाइल) निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक नए लक्ष्य की घोषणा की है।
प्रमुख तथ्य-:नए लक्ष्य के अनुसार तकनीकी वस्त्र के निर्यात को 5 गुना बढ़ाना है और आगामी 3 सालों में इसे $10 अरब करना है।
:इस समय भारत के तकनीकी वस्त्र क्षेत्र में 8%प्रति वर्ष की वृद्धि दर है जिसे अगले 5 सालों में बढ़ाकर 15 -20% प्रति प्रति वर्ष करना है।
:वर्तमान में विश्व कपड़ा बाजार में तकनीकी वस्त्र की हिस्सेदारी लगभग $250अरब है,जबकि इसमें भारत की हिस्सेदारी केवल 19 अरब डॉलर है।
:सरकार ने पहले ही 5 साल में कपड़ा और वस्त्र क्षेत्र के निर्यात को $100 तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा था।
:वर्तमान (2021) में भारत का कपडा और संबद्ध उत्पादों का निर्यात केवल 30 बिलीयन डॉलर है जिसे अभी और बेहतर करना है।
:इससे पहले सरकार ने वैश्विक बाजार में भारतीय सामानों की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए RoDTEP यानी (रिमिशन आफ ड्यूटीज एंड टैक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स) योजना शुरू की थी।
तकनीकी वस्त्र –यह इंजीनियर्ड उत्पाद होते हैं जो उन्नत कार्यात्मक गुणों का प्रदर्शन करते हैं,जैसे बेहतर इंसुलेशन,उच्च तापीय प्रतिरोध,उच्च दृढ़ता इत्यादि। यही उन्नत गुण वस्त्रो को स्वास्थ्य सेवा,निर्माण,ऑटोमोबाइल,रक्षा,एयरोस्पेस आदि जैसे गैर पारंपरिक क्षेत्रों में उपयोग के लिए उपयुक्त बनाते हैं।
RoDTEP-इसने एमआईएस (मर्चेंडाइज स्पोर्ट्स फॉर इंडिया स्कीम) का स्थान लिया है,इस योजना के तहत भारतीय निर्यातकों को उत्पादन प्रक्रिया में उनके द्वारा पहले भुगतान किए गए कुछ करों एवं शुल्कों के लिए रिफंड प्रदान किया जाता है,इसमें वे कर शामिल है जो पहले नॉन रिफंडेबल नहीं थे,जैसे मंडी कर, वैट,और पेट्रोल पर शुक्ल इत्यादि।
इसका लक्ष्य भारतीय वस्तुओं की निर्यात प्रतिस्पर्धात्माकता को बढ़ावा देना है।
3-महापत्तन प्राधिकरण अधिनियम 2021 को लागू किया गया
प्रमुख तथ्य- :इस अधिनियम को 3 नवंबर से लागु कर दिया गया है जो अब 1963 की तुलना में अधिक संछिप्त है क्यों कि इसमें बहुत सारे अप्रचलित और अतिरिक्त विस्तृत उपबंधों को हटा दिया गया है। पूर्व के अधिनियम में 22 मामलों में केंद्र सरकार कि पूर्वानुमति आवश्यक थी।
:इसने पत्तन प्राधिकरण बोर्ड को और सरलीकृत करने का प्रस्ताव दिया है जिसमे अब 17-19 सदस्यों की जगह 11-13 सदस्य ही होंगे।
:महापत्तन प्रशुल्क प्राधिकरण (TAMP-टैरिफ अथॉरिटी ऑफ़ मेजर पोर्ट्स) की भूमिका को भी बदला गया है।
:अब पत्तन प्राधिकरण को प्रशुल्क को निर्धारित करने अधिकार दे दिया गया है जो सार्वजानिक निजी भागीदारी वाले परियोजनाओं के लिए बोली लगाने के उद्देश्य से यह प्रशुल्क होगा ,साथ ही सार्वजानिक निजी भागीदार बाजार के हालात के अनुसार प्रशुल्क तय करने के लिए आज़ाद होंगे।
:PPP और TAMP के लिए एक न्यायनिर्णायक बोर्ड गठित करने का भी प्रस्ताव किया गया है।
:पत्तन प्राधिकरण बोर्ड को अब अनुबंध,योजना एवं विकास,सुरक्षा और राष्ट्रीय हित तथा दोष एवं निष्क्रियता से उत्पन्न होने वाले आपात स्थिति के अलावे प्रशुल्क तय करने हेतु सर्वाधिकार दे दिए गए है।
4-ई-सेटलमेंट योजना
क्या है यह योजना-केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने(CBDT) ने छोटे कर दाताओं से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है
प्रमुख तथ्य-:यह योजना 1 नवंबर 2021 से प्रभावी हो गयी है।
:इस योजना के तहत एक अंतरिम बोर्ड आवेदनों के निस्तारण पर निर्णय करेगा,साथ ही इस बोर्ड को सेटलमेंट बोर्ड से भेजी जाने वाली याचिकाओं को भी देखना होगा।
:बोर्ड और कर दाताओं के बीच सारे संचार इलेक्ट्रॉनिक मोड में होंगे
:इस योजना द्वारा सभी आयकर मुकदमेबाज़ी प्रक्रिया को डिजिटल बनाने का प्रयास सरकार के दृश्टिकोण के अनुसार ही है जिससे योजना को और पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जा सके।
5-गूगल ने बनाया डॉक्टर कमल रणदिवे पर डूडल
सन्दर्भ-प्रसिद्द सेल जीव वैज्ञानिक डॉक्टर कमल रणदीवे की 104वें जन्मदिन पर गूगल ने डूडल बनाकर मनाया।
प्रमुख तथ्य-:यह डूडल भारत के मेहमान कलाकार इब्राहिम रयिंताकथ ने बनाया।
:रणदिवे को अभूतपूर्व कैंसर अनुसंधान और विज्ञानं और शिक्षा द्वारा एक न्यायसंगत समाज बनाने के लिए उनके समर्पण के लिए जाना जाता है।
कमल रणदिवे- जिनका जन्म कमल समरथ के रूप में 8 नवंबर 1917 को पुणे में हुवा था इनके पिता पुणे के फर्गुसन कॉलेज में जीवविज्ञान के प्रोफेसर थे उनकी प्रेरणा से ये मेडिकल एजुकेशन में आयीं परन्तु उनका रुझान जीवविज्ञान की और हुआ और इसी में उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद 1949 में भारतीय कैंसर अनुसन्धान केंद्र(ICRC) एक शोधकर्त्ता के रूप में काम करते हुए कोशिका विज्ञानं में कोशिकाओं पर अध्ययन करते हुए डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की, इसके उपरांत जॉंस हॉपकिंस विश्वविद्यालय मेरीलैंड अमेरिका से फ़ेलोशिप प्राप्त की और वापस ICRC पहुंचकर देश की पहली ऊतक संस्कृति प्रयोगशाला की स्थापना की।
:वे पहली शोधकर्ता थी जिन्होंने स्तन कैंसर और अनुवांशिकता के बीच एक सम्बन्ध का प्रस्ताव दिया तथा कैंसर और कुछ विषाणुओ के बीच सम्बन्धो की पहचान भी की.इन्होने कुष्ठ रोग के कारण बनने वाले तथा टीका के विकास में सहायक होते है पर अध्ययन किया जिसे माइकोबैक्टीरियम लेप्राई कहा जाता है।
:इन्होने 1973 में अपने 11 सहयोगियों के साथ मिलकर वैज्ञानिक क्षेत्रो में महिलाओं का समर्थन करने के लिए भारतीय महिला वैज्ञानिक संघ(IWSA ) की स्थापना की जिसकी अब भारत में 11 चैप्टर स्थापित हो चुके है।
:1989 में सेवानिवृति के बाद इन्होने अपना जीवन ,महाराष्ट्र के ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार और विकास में समर्पित कर दिया महिलाओं स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता के रूप में प्रशिक्षण दिया साथ ही स्वास्थ्य और पोषण की शिक्षा भी दी।
:इनके अतुलनीय कार्यो को देखकर भारत सरकार ने इन्हे पद्मभूषण से सम्मानित किया।