1-ऑपरेशन संकल्प में शामिल हुआ INS त्रिकंद
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चर्चा क्यों है-ऑपरेशन संकल्प के तहत INS त्रिकंद को ओमान और फारस की खाड़ी में तैनात किया गया है।
उद्देश्य –भारतीय ध्वजधारक व्यापारिक जहाजों के सुरक्षित आवाजाही प्रदान करने हेतु ताकि सामुद्रिक समुदाय में विस्वास बना रहे।
ऑपरेशन संकल्प क्या है- जून 2019 में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव उत्पन्न होने के बाद ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकर जहाजों में विस्फोट के बाद इस ऑपरेशन को शुरू किया गया था। तब से यहाँ भारत का नौसेना जहाज के साथ टोही विमान की तैनाती फारस और ओमान की खाड़ी में लगातार की गयी है।
महत्त्व क्या है –भारत अपने तेल की मांग 85% आयात पर निर्भर करता है जिसक 62% खाड़ी देशो से पूरी करता है जो 2019 -2020 में लगभग 66 बिलियन डॉलर का था।ऐसे में यहाँ से भारत के मालवाहक जहाजों का सुरक्षित रहना और गुजरना बहुत जरुरी है।
प्रमुख तथ्य-:पहले इस अभियान में INS सुनयना और INS चेन्नई को लगाया गया था।
:हिन्द महासागर -सूचना समेकन केंद्र हरियाणा के गुरुग्राम में बनाया गया है,जो खाड़ी क्षेत्रों में जहाजों के आवागमन पर निगरानी रखे हुवे है।
ईरान और अमेरिका के बीच विवाद का कारण-:इस विवाद का जड़ 1979 से शुरू हुआ था जब तेहरान में यूएस दूतावास में अटैक कर कई अमरीकियों को मारा गया था फिर यह केस शांति/प्रतिबंधों के पड़ाव से गुज़रा अंततः 2015 में ईरान कड़े आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर सहमत हुआ,जिससे अन्य देशों के साथ ईरान के राजनयिक संबंधों में सुधार हुआ।
:फिर ट्रम्प ने 2018 में इस परमाणु समझौते को त्याग दिया और ईरान के नेताओं को एक नए समझौते के लिए मजबूर करने के लिए दोबारा अमेरिकी प्रतिबंधों को बहाल कर दिया।परन्तु ईरान ने देश की अर्थव्यवस्था को मंदी में जाने के बाद भी अमेरिका के इस दबाव को ख़ारिज कर दिया।
:पुनः अमेरिका ने मई 2019 में ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों पर द्वितीयक प्रतिबंधों को लागू करके दबाव बढ़ा दिया और सम्बन्ध और हालात तब और ख़राब हो गए जब दोनों देशों के द्वारा ओमान की खाड़ी में तेल टैंकरों को उड़ाया गया और यह क्रमशः जारी रहा।बाद में, तेहरान ने परमाणु समझौते के तहत कुछ प्रतिबद्धताओं को निलंबित करना शुरू कर दिया।
:ऐसे में भारत ने अपनी उचित कूटनीति का प्रयोग करते हुए हॉरमुज जलडमरूमध्य में अपने नौसैनिक बेड़ों की तैनाती किये हुए है।
INS त्रिकंद-भारतीय नौसेना का तलवार श्रेणी के युद्धपोतों के दूसरे बैच का तीसरा और अंतिम युद्धपोत है इसे कलिनिनग्राद, रूस में यंतर शिपयार्ड द्वारा बनाया गया था जिसे 29 जून 2013 को भारतीय नौसेना सेवा में कमीशन दिया गया है।
2-वीरांगना झलकारी बाई की जयंती
मैथिलीशरण गुप्त ने इनके सम्मान ले लिखा है –
आकर रण में ललकारी थी
वह झाँसी की झलकारी थी
गोरों को लड़ना सीखा गई
रानी बन जौहर दिखा गई
है इतिहास में झलक रही
वह भारत की सन्नारी थी।
संदर्भ- 22 नवम्बर वीरांगना झलकारी बाई की जयंती मनाई गयी
प्रमुख तथ्य-:इनका जन्म 22 नवंबर1830 झाँसी के भोजला गांव में हुआ था ये रानी लक्ष्मीबाई के विश्वस्त सलाहकारों में से एक थी।
:इन्होने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम(1857) के दौरान बहादुरी से अंग्रेजों का सामना किया था
:छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अस्त्र-शस्त्र और घुड़सवारी की कला में महारत हासिल कर ली थी और ऐसा माना जाता है की ये रानी लक्ष्मीबाई से बहुत मिलती जुलती थी।
:विवाह उपरांत अपने अपने सैनिक पति पूरन कोरी से ही कुश्ती,तीरंदाजी और निशानेबाजी का प्रशिक्षण हासिल किया।
:1857 की क्रांति के समय इनको एक महिला सैन्य टुकड़ी का प्रतिनिधित्व दिया गया,जब जनरल ह्यूरोज ने झाँसी के किले पर हमला किया तो लक्ष्मीबाई को वहां से निकलने की सलाह दी और खुद अपने पति के साथ मिलकर अंग्रेजों का कड़ा प्रतिरोध किया था,स्वयं लक्ष्मीबाई का वेश धारण कर सेना की कमान अपने हाथों में लेते हुए अंग्रेजों से युद्द करती रही।
:उनके इस अदम्य साहस की कहानी आज भी बुंदेलखंड और भारत के लोगों की स्मृति में जीवित है।
:उन्होने 4 अप्रैल 1858 को 27 वर्ष की आयु में वीरगति को प्राप्त हुई।
:कोरी समाज इनके पुण्य तिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाता है।
:भारत सरकार ने 2001 में इनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया था।
:राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2017 में भोपाल स्थित गुरु तेग बहादुर कॉम्प्लेक्स में इनकी प्रतिमा का अनावरण किया था।
3-पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी आइकन तांत्या भील के नाम पर रखा जाएगा
चर्चा में क्यों है- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि इंदौर के पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम आदिवासी आइकॉन तांत्या भील के नाम पर रखा जायेगा।
रुपरेखा/सार क्या है-शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश और मध्य प्रदेश में जनजातियों का एक गौरवशाली अतीत रहा है,और स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी नायकों ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंग्रेजों ने हमारे जनजातियों के गौरव को खत्म करने के लिए हर संभव कोशिश की थी,इसलिए अब राज्य सरकार उस गौरव को बहाल करेगी।
प्रमुख तथ्य- :इसके साथ शहर के दो अन्य स्थानों भंवर कुआं चौराहा और एमआर 10 बस स्टैंड को 53 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किए जा रहा है,इनका नामकरण भी तांत्या भील के नाम पर किया जायेगा।
:हाल ही में भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम एक आदिवासी रानी,”रानी कमलापति” के नाम पर रखा गया था।
:उन्होंने गोंडवाना साम्राज्य के बारे में जिक्र करते हुए कहा की राजा शंकर शाह,रघुनाथ शाह, तांत्या भील,और भीम नायक जैसे आदिवासी प्रतीकों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
: मुख्यमंत्री ने कहाँ कि स्वतंत्रता सेनानी राजा हिरदे शाह के नाम पर मंडला में एक मेडिकल कॉलेज खोला जायेगा।
: तांत्या भील के बारे में –इनको”भारतीय रॉबिन हुड”के नाम से जाना जाता है उन्होंने 12 वर्ष तक अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और ऐसा कहा जाता है की वो ब्रिटिश खजाने को लूट कर गरीबों में बाँट दिया करते थे।इनका जन्म 1840/42 में खंडवा म.प्र में हुआ था इनमे अदम्य साहस था इसका कारण स्थानीय लोग मानते है कि इनमे आलौकिक शक्ति थी इसी वजह से ये अंग्रेजो के 2000 सैनिकों के पकड़ में भी नहीं आये,लोगो का मानना है की ये एक ही समय में 1700 गावों में ग्रामसभा कर किया कर लेते थे।
:इन्होने आदिवासी जनता के साथ शोषण और उनके मौलिक अधिकारों के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़े और अन्ततः मुखबिरी के कारण इनको अंग्रेजी हुकूमत ने 1890 में जबलपुर में फांसी दे दी।
4-घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण की शुरुआत
सन्दर्भ-श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा द्वारा घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण की शुरुआत किया गया,घरेलु कामगारों पर यह पहला सर्वेक्षण है।
इस के लिए प्रश्नावली के साथ एक निर्देश पुस्तिका का भी विमोचन किया गया है।
उद्देश्य-इसका उद्देश्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर घरेलु कामगारों की संख्या और अनुपात का पता लगाना।
महत्त्व-इन सर्वेक्षण के आंकड़े श्रमिकों के इस वर्ग के लिए नीति-निर्माण में सरकार के लिए मददगार होंगे।
प्रमुख तथ्य-:इस सर्वेक्षण में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 742 जिले शामिल होंगे।
:इसमें 1.5 लाख घरों USUs यानि अल्टीमेट स्टेज यूनिट्स को भी कवर किया जायेगा।
:इसमें ड्राइवर,कुक(रसोईया),चौकीदार,आदि सभी प्रकार के घरेलु सेवाओं को शामिल किया जायेगा।
:सर्वेक्षण के मापदंड क्या होंगे-इसमें घरेलु विशेषताओं को धर्म,सामाजिक वर्ग,मासिक औसत उपभोग व्यय,आवास इकाई की प्रकृति इत्यादि देखा जायेगा।
:वहीँ जनसांखियकीय विशेषताओं में नाम आयु,शिक्षा का स्तर,वैवाहिक स्थिति,मुखिया से सम्बन्ध,मुख्य एवं सहायक गतिविधि और घरेलु कामगारों की स्थिति आदि देखी जाएगी।नियोक्ता के परिवारों के बारें में जानकारी।
:इसके अलावा दैनिक की प्रवासी स्थिति व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्य दिवसों की संख्या,पारिश्रमिक का प्रकार तथा इसकी आवृति इत्यादि।
:अगर आँकँड़ो पर गौर करे तो पता चलता है कि ई-श्रम पोर्टल के आधार पर कुल पंजीकृत 8.56 करोड़ अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों में से घरेलु कामगारों की कुल संख्या 8.8% है।
:इसमें आयु वैवाहिक स्थिति सामान्य शिक्षा स्तर मुख्य अतिथि सहायक गतिविधियों नारी दिवस का प्रकार परिवारों के बारे में जानकारी रतलाम रतलाम 8.8% घरेलू कामकाज
5-गुरुग्राम में एफसीआई प्रयोगशाला का किया गया उद्घाटन
चर्चा क्यों है- केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुग्राम में 21 नवंबर को खाद्य सुरक्षा संस्थान,एफसीआई में प्रयोगशाला का किया।
उद्देश्य-खाद्य नमूनों घर में ही परिक्षण करना ताकि अत्यधिक गुणवत्ता को बनाया जा सके।
प्रमुख तथ्य-इन्होने कुछ लघु फिल्मो का लांच सोशल मीडिया पर भी किया जैसे फोर्टिफिकेशन ऑफ़ राइस,रेडियो जिंगल्स,और बर्स्टिंग मिथ,इसे DFPD द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के एक भाग के रूप में में लांच किया गया।
6-भारत गौरव ट्रेनों की होगी शुरुआत
सन्दर्भ- रेलमंत्री ने आज भारत गौरव ट्रेनों को शुरू करने की घोषण की है।
उद्देश्य-इन ट्रेनों से भारत और दुनिय के लोगो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ भव्य ऐतिहासिक स्थल दिखने में सहायता करना,साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देना है।
प्रमुख तथ्य- :ट्रेनें निजी और IRCTC द्वारा चलायी जाएँगी जो सर्किट में थीम आधारित होंगी जिसके लिए सेवा प्रदाता थीम तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
:भारत गौरव ट्रेनों के लिए 190 ट्रेनों का प्रस्ताव है जिसके लिए 3033 कोचों को तैयार किया जा रहा है।
:ट्रेनों का किराया भी ट्रैन चलाने वाली कम्पनिया ही तय करेंगी परन्तु यह मनमाने तौर पर नहीं होगा।
:इस ट्रैन की विशेषता-इन ट्रेनों में कोचों की संख्या 14-20 होंगीं साथ में दो गॉर्ड वैन भी जोड़ी जाएँगी।
:यात्रियों को एक पूरा पैकेज दिया जायेगा जिसमे शामिल होगा रेल यात्रा,गंतव्य स्थल,होटल,खानपान,टैक्सी की सुविधा।
:ट्रैन के अंदर और बाहर दोनों जगह पर विज्ञापन एयर ब्रांडिंग के लिए जगह दी जाएगी।
:योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए क्षेत्रों में ग्राहक सहायता ईकाइयां भी आरम्भ कर दी गयी है।
:इस ट्रैन के लिए कोई भी टूर ऑपरेटर आवेदन करके इन्हे लीज पर ले सकते है।
क्लिक करें-श्री रामायण यात्रा स्पेशल ट्रैन की शुरूआत किया गया IRCTC द्वारा
7-भारत की पहली वर्चुअल साइंस लैब शुभारम्भ
चर्चा क्यों है- केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बच्चों के लिए भारत की पहली वर्चुअल साइंस प्रयोगशाला का शुभारंभ किया है,इस प्रयोगशाला को वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद यानी सीएसआईआर के जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत स्थापित किया गया है।
उद्देश्य- स्कूली छात्रों को उनकी वैज्ञानिक जिज्ञासा को बढ़ाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शोध सामग्री उपलब्ध कराना है
पात्र कौन होंगे- कक्षा 6-कक्षा 12 यानी (11-18 वर्ष) तक के विद्यार्थी होंगे।जो विज्ञानं,गणित,जीव विज्ञानं,आईटी जैसे विषयों में शोध करना चाहते है।
महत्त्व-यह जिज्ञासा से प्रेरित अनुसंधान आधारित अवधारणाओं को पुष्ट करेगा और उच्च कुशलता आधारित सोच को प्रोत्साहित करेगा और उद्यमिता को बढ़ावा देगा।
प्रमुख तथ्य-:यह एक प्रेरणादायक विज्ञान प्रयोगशाला होगी जहां छात्र पढ़ाई के साथ-साथ मौज मस्ती और नए प्रयोग कर सकेंगे।
:यह विद्यार्थियों को देश भर के वैज्ञानिकों से जुड़ने का मौका उपलब्ध करवाएगा।
:यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानी (एनईपी) के अंतर्गत है जहां छात्रों को किसी भी विषय को चुनने की अनुमति होगी।
जिज्ञासा कार्यक्रम-यह राष्ट्रीय स्तर पर सीएसआईआर द्वारा शुरू की गई प्रमुख पहल में से एक है यह केंद्रीय विद्यालय संगठन के सहयोग से एक वैज्ञानिक- छात्र कनेक्ट कार्यक्रम है जिसमे विद्यार्थी प्रयोग और प्रस्तुतीकरण के साथ सैद्धांतिक अवधारणाओं को भी सीखते हैं।2017 में शुरू होने से लेकर अब तक 3 लाख छात्रों के साथ 5000 से ज्यादा शिक्षकों को सीएसआईआर के साथ जोड़ने सफल रहा है।
वर्चुअल प्रयोगशाल की विशेषताएं-इसकी कुछ विशेषताएं निम्नवत है-यह ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म होगा,क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री को एक्सेस किया जा सकता है,वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का समर्थन मिलेगा, शिक्षकों और छात्रों के लिए ज्ञान का उन्नयन होगा, परियोजना आधारित समर्थन मिलेगा,छात्र से छात्र का मंच होगा,छात्र उद्यमिता,तकनीकी सहायता की उपलब्धता होगी,सिमुलेशन प्रयोग,और विज्ञान आधारित वेबिनार का आयोजन होगा।
8-देश में 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वाला अकेला राज्य बना उत्तर प्रदेश
चर्चा क्यों है-आने वाले 25 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला रखने जा रहे हैं,इसके साथ ही उत्तर प्रदेश भारत का 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा वाला अकेला राज्य बन जाएगा।
प्रमुख तथ्य- :इस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण जेवर गौतम बुद्ध नगर में किया जा रहा है,इसके निर्माण का पहला चरण वर्ष 2024 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
:हाल ही में कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन प्रधानमंत्री दवरा किया गया था,और अयोध्या में भी एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माणाधीन है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में यह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा जो इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी दबाव को कम करेगा।
:यह उत्तरी भारत में लॉजिस्टिक का प्रवेश द्वार बनेगा जो उत्तर प्रदेश की क्षमताओं को उजागर कर राज्य को वैश्विक लॉजिस्टिक मानचित्र में स्थापित करने में मदद करेगा।
:यहां बन रहे हैं मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मैट्रिक टन होगी जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन तक किया जाएगा।
:यह हवाई अड्डा निवेश आकर्षित करने औद्योगिक विकास की गति को बढ़ने और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच उपलब्ध कराएगा।
:यह भारत का पहला शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन वाला हवाई अड्डा होगा इसके पहले चरण पर कुल 10050 करोड़ से अधिक की लागत से तैयार किया जा रहा है।
:इसका कुल क्षेत्रफल 1300 हेक्टेयर से अधिक है।
:इसका क्रियान्वयन ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी द्वारा किया जाएगा।