1-अंतरिक्ष में चलने वाली चीन की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी वांग यापिंग
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चर्चा में क्यों है-यह चीनी इतिहास में पहली बार था जब कोई महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा अंतरिक्ष में चहलकदमी की गई है इस कारनामे को करने वाली पहली चीनी महिला बनी,साथ ही दूसरी चीनी महिला है जिसने अंतरिक्ष में उड़ान भरी है।
प्रमुख तथ्य -:हाल ही में चीन द्वारा शेनझोउ-13 अंतरिक्ष यान लांच किया था जिसे निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन में 6 माह के मिशन पर तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा गया था।
:वर्तमान मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए वांग यापिंग को दिसंबर 2019 में चुना गया था।
:निर्माणाधीन अंतरिक्ष स्टेशन के लिए यह दूसरा मानव मिशन है जिसमे शामिल 3 यात्री कमांडर झाई झिगांग,वांग यापिंग और ये गुआंगफू है।
:वांग यापिंग अगस्त 1997 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी वायुसेना में शामिल हुए थी।
2-यूनेस्को ने दिया श्रीनगर को रचनात्मक शहर का दर्जा
चर्चा का कारण –यूनेस्को(UNESCO) संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक द्वारा श्रीनगर को रचनात्मक शहर वैज्ञानिक और संस्कृत श्रीनगर शहर को अपनी रचनात्मक शहरों की सूची में शामिल कर लिया है।
प्रमुख तथ्य- :इस शहर को शिल्प और लोक कला के रचनात्मक शहर के रूप में नामित किया गया है।
:यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क(UCCN) कार्यक्रम की शुरुआत 2004 में की गई थी,इसके तहत श्रीनगर का नामांकन विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित झेलम,तवी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत किया गया था,जिसके लिए पहली बार 2019 में और फिर 2021 में प्रयास किया गया था,अब इस नेटवर्क में कुल 295 शहर है।
:इस नेटवर्क के तहत लोक कला,मीडिया,साहित्य,डिजाइन,पाक कला और मीडिया कला शामिल किये जाते है।
:यह सभी शहर सतत शहरी विकास को आगे बढ़ाने के लिए संस्कृति और रचनात्मकता में निवेश करते हैं।
:कुछ शहरों को रचनात्मक शहरों के रूप में पहले ही मान्यता दी जा चुकी है,जैसे-मुंबई को फिल्म शहर के रूप में,जयपुर को शिल्प और लोक कला के रूप में, वाराणसी और चेन्नई को संगीत के रचनात्मक शहर के रूप में,और हैदराबाद को पाक कला के शहर के रूप में।
कैसे चुना जाता है शहरो को –UCCN उन शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है जिन्होंने क्रिएटिविटी यानि रचनात्मकता को अपने शहरी विकास में एक महत्वपूर्ण कारक(स्ट्रेटेजिक फैक्टर) शामिल किया है तथा स्थानीय स्तर पर अपनी विकास योजनाओ के केंद्र में रचनात्मकता और सांस्कृतिक उद्योगों को रखने और वैश्विक स्तर पर सामान्य लक्ष्यों के लिए सक्रीय रूप से सहयोग करते है।
UCCN शहर बनने के फयदा क्या होगा-अंतरष्ट्रीय पहचान के साथ फंडिंग की मदद मिलेगी साथ में शिल्प कला और लोक कला को वैश्विक पहचान भी मिलेगी और इनके उत्पादों की मांग विश्व के अन्य देशो में होगी,शैक्षि स्तर पर भी आपसी सहयोग बढ़ेंगे जिसका फायदा इस शहर को होगा।
UNESCO के बारे में-यह संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी है जो शिक्षा,विज्ञानं और संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग द्वारा शांति स्थापना का प्रयन्त करती है,केम प्रस्ताव के आधार पर इसकी स्थापना 16 नवंबर 1945 को की गयी,इसका मुख्यालय पेरिस में है, जिसके सदस्य देशों की संख्या 193 और कुछ(11) सम्बद्ध देश भी है।
यूनेस्को एक संयुक्त राष्ट्र की अकेली ऐसी संस्था है जिसे शिक्षा के सभी पहलुओं को शामिल करने का अधिकार है।
3-भारत की 6 कम्पनियाँ फालेन एंजेल्स सूची से बाहर हुई
सन्दर्भ- क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि 6 भारतीय कंपनियां फालेन एंजेल्स सूची से अब बाहर हो गई है।
प्रमुख तथ्य- :यह उन कंपनियों की सूची होती है जो अपने निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग को खोने के संभावित जोखिम में होती है।
:मूडीज जैसी क्रेडिट रेटिंग कंपनियां,कंपनियों को उनकी क्रेडिट योग्यता और अपने कर्ज का पुनर्भुगतान करने की क्षमता के आधार पर क्रेडिट रेटिंग प्रदान करती जिसके आधार पर निवेशकों को कंपनियों की स्थिति का आकलन करने और उसके अनुसार निवेश करने की अनुमति देती है।
:मूडीज के रेटिंग पैमाने के अनुसार Aaa से Baa3 को एक निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग माना जाता है,इसमें Baa3 से नीचे की रेटिंग को गैर निवेश ग्रेड माना जाता है। फालेन एंजेल्स की सूची से जिन भारतीय कंपनियों को हटाया गया है वे है- ONGC,OIL,IOCL,HPCL,PETRONET LNG,अल्ट्राटेक सीमेंट।
:2008 के बाद से फालेन एंजेल्स सूची में शामिल 30 एशियाई कंपनियों में से केवल दो कंपनियां ही निवेश ग्रेड की स्थिति में आ सकी है।
4-एडेप्टेशन गैप रिपोर्ट का छठा संस्करण 2021 जारी किया गया
चर्चा का कारण-ग्लासगो में चल रहे COP-26 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम(UNEP) द्वारा एडेप्टेशन गैप रिपोर्ट(AGR) का छठा संस्करण 2021 जारी किया गया,जिसका शीर्षक था-अडॉप्टेशन गैप रिपोर्ट 2021:द गैदरिंग स्टॉर्म।
AGR क्या है- UNEP द्वारा साल 2014 अपने पहले संस्करण से ही संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की अनुकूलन गैप रिपोर्ट श्रृंखला का प्रबंधन कर रहा है जिसका मुख्या उद्देश्य जलवायु परिवर्तन अनुकूलन को अपनाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक प्रयास करना और उसे बढ़ावा देना है।
इस रिपोर्ट की प्रमुख अनुशंसाएं है-:अनुकूलन की लागत और वर्तमान वित्तीय प्रवाह के बीच का फासला बढ़ता ही जा रहा है।
:अगर दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित भी कर देती है तो भी जलवायु के जोखिम बने ही रहेंगे।
:रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के कई प्रभावों को अपरिवर्तनीय बताया है।
:अनुकूलन की लागत बढ़कर 2030 तक 140 से 300 बिलीयन डॉलर प्रति वर्ष हो जाएगी साथ ही केवल विकासशील देशों के लिए यह लागत 2050 तक बढ़कर 280 से 500 बिलियन होने की बात कही गई है।
:विकासशील देशों में अनुकूलन की लागत और वित्त की आवश्यकता वर्तमान वित्तीय प्रभाव से 5 से 10 गुना ज्यादा है।
:एक अनुमान के अनुसार विकासशील देशों में जलवायु शमन और अनुकूलन योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए दिया जा रहा है जलवायु बजट 2019 में 79.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
5-भारतीय नौसेना को मिली चौथी स्कॉर्पियन पनडुब्बी,वेला
प्रमुख तथ्य- :यह परियोजना 75 के अंतर्गत निर्मित चौथी स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी है।
:इस पनडुब्बी यार्ड 11878 को 9 नवंबर 2021 को सौपी गयी।
:यह परियोजना 75 के तहत बनने वाली 6 पनडुब्बियों में से चौथी पनडुब्बी है,जिनका निर्माण फ्रांस मेसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से मुंबई में स्थित मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
:पनडुब्बी वेला को 6 मई 2019 को ही जलावतरण कर दिया गया था।
:इन पनडुब्बितों में से तीन पहले से ही भारतीत नौसेना के अभियान में शामिल है।
:इनका भारत में निर्माण होना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
:इनके भारतीय नौसेना में शामिल होने से नौसेना की क्षमता में और वृद्धि होगी।
:भारत की अन्य स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बियां है -INS-कलावरी,बाग़ीर,खंडेरी,करंज,है जबकि बगशीर अभी शामिल की जाएगी।
बेला के बारे में -:बिना आवाज किये पानी के अंदर 50 से भी अधिक दिनों तक पानी भीतर रहा सकती है,इस पर टॉरपीडो और एंटीशिप मिसाइल की तैनाती है जिससे पानी के अंदर ही 90 किमी तक मार की जा सकती है,इसकी तीव्रता भी बेजोड़ है जो 20 नॉटिकल माइल्स/घंट की दुरी आसानी से तय कर लेती है।
:इसकी लम्बाई 67 मीटर,6.2 मीटर चौड़ी,और 12.3 मीटर ऊँची है जिसका कुल वजन 1550 टन है।