सन्दर्भ:
: श्री भूपेंद्र यादव ने पांच राज्यों में अरावली पर्वत श्रृंखला के आसपास के 5 किमी के बफर क्षेत्र को हरित बनाने की एक बड़ी पहल के रूप में अरावली ग्रीन वाल परियोजना का शुभारम्भ किया।
इस पहल का उद्देश्य है:
: पांच राज्यों में फैली अरावली पर्वत श्रंखला के लगभग 5 किमी के बफर क्षेत्र को हरित बनाना।
अरावली ग्रीन वाल परियोजना से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट केंद्रीय वन मंत्रालय के भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए देश भर में ग्रीन कॉरिडोर तैयार करने के विजन का हिस्सा है।
: इस परियोजना में हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली राज्य शामिल हैं जहां अरावली की पहाड़ियां 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हैं।
: प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध, जल संरक्षण प्रयासों और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा जैसी विभिन्न पहलों द्वारा अरावली को पुनर्जीवित करने के प्रयास के रूप में।
: हरियाणा के टिकली गांव में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर इसका उद्घाटन।
: अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के तहत वनरोपण, पुनः वनीकरण और जल स्रोतों की बहाली की जाएगी।
: इसके माध्यम से न सिर्फ अरावली के हरित क्षेत्र और जैव विविधता में बढ़ोतरी होगी, बल्कि क्षेत्र की मिट्टी की उर्वरता, पानी की उपलब्धता और जलवायु में भी सुधार होगा।
: यह परियोजना स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर, आय सृजन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करके लाभान्वित करेगी।
: इस परियोजना को लागू करने में हरियाणा वन विभाग और अन्य हितधारकों अपने सहयोग और समर्थन दिए।
: इससे 2030 तक अतिरिक्त 2.5 बिलियन टन कार्बन सिंक के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को मदद मिलेगा।
: शुरुआती चरण में, परियोजना के तहत 75 जल स्रोतों का कायाकल्प किया जाएगा।
: इसकी शुरुआत 25 मार्च को अरावली परिदृश्य के प्रत्येक जिले में पांच जल स्रोतों से होगी।
: यह परियोजना गुड़गांव, फरीदाबाद, भिवानी, महेंद्रगढ़ और हरियाणा के रेवाड़ी जिलों में बंजर भूमि को शामिल करेगी।