सन्दर्भ:
: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज 16 अक्टूबर 2022 को मध्य प्रदेश के भोपाल में देश में पहली बार हिंदी में MBBS के पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया।
क्यों होना चाहिए:
: भाषा और बौद्धिक क्षमता का आपस में कोई संबंध नहीं है, भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम है जबकि बौद्धिक क्षमता बच्चे को ईश्वर ने दी है जिसे शिक्षा से निखारा जा सकता है।
हिंदी में MBBS से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: नई शिक्षा नीति में प्राथमिक, टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा में मातृभाषा को महत्व देकर बहुत बड़ा ऐतिहासिक निर्णय लिया।
: सभी क्षेत्रीय भाषाओं में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा उपलब्ध कराने का आह्वान किया था प्रधानमंत्री ने।
: नई शिक्षा नीति के तहत जेईई, नीट और यूजीसी परीक्षाओं को देश की 12 भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है।
: जबकि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट देश की 13 भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है।
: बच्चों को अपनी मातृभाषा में टेक्निकल और मेडिकल शिक्षा तो मिलेगी ही इसके साथ ही वे आगे अनुसंधान भी अपनी भाषा में कर सकेंगे।
: सरकार ने टेक्निकल और मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में कई परिवर्तन किए हैं।
: देखा जाए तो 2014 में देश में 723 विश्वविद्यालय थे जिन्हें बढ़ाकर 1043 करने का काम केन्द्र सरकार ने किया है।
: वहीं 2014 में मेडिकल कॉलेज 387 थे जो बढ़कर 596 हो गए हैं, MBBS सीटें 51 हज़ार से बढ़ाकर 79 हज़ार की गईं, IIT 16 से बढ़कर 23 हुए, IIM 13 थे जो अब 20 हैं और IIIT 9 से बढ़कर 25 हो गए है।
: नई शिक्षा नीति के द्वारा हमारी भाषाओं के गौरव को प्रस्थापित करने और इनमें ही टेक्निकल, मेडिकल और कानून की पढ़ाई की व्यवस्था पूरे देश में करने से देश में क्षमता की क्रांति आने वाली है।
: इस शुरूआत से अनुसंधान के क्षेत्र में भारत विश्व में बहुत आगे जाएगा और हमारे बच्चों की बौद्धिक क्षमता का भी विश्व को परिचय होगा।
विशेष:
: प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक मंचों पर अपना भाषण अपनी राजभाषा हिंदी में देकर पूरी दुनिया को एक संदेश दिया है, वे जब वैश्विक मंच पर हिंदी में बोलते हैं तो देशभर के युवाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।