सन्दर्भ:
:28 जून, 2022 को, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय सेना द्वारा केके रेंज में मुख्य युद्धक टैंक (MBT) अर्जुन से स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण अहमदनगर, महाराष्ट्र में किया गया।
प्रमुख तथ्य:
:इस परीक्षण को आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल (एसीसी एंड एस), अहमदनगर द्वारा समर्थित किया गया था।
:एटीजीएम ने न्यूनतम सीमा पर लक्ष्य को सफलतापूर्वक हरा दिया जिसके परिणामस्वरूप न्यूनतम से अधिकतम सीमा तक लक्ष्यों को शामिल करने की इसकी क्षमता की स्थापना हुई।
:यह एमबीटी अर्जुन की मारक क्षमता को बढ़ाएगा।
लेजर-गाइडेड एटीजीएम के बारे में:
:इसे डीआरडीओ के आर्मामेंट एंड कॉम्बैट इंजीनियरिंग (एसीई) क्लस्टर की दो पुणे (महाराष्ट्र) आधारित सुविधाओं द्वारा विकसित किया गया है।
:आयुध अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) और उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल); इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (IRDE), देहरादून (उत्तराखंड) के सहयोग से।
:इसमें मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता है और वर्तमान में एमबीटी अर्जुन की 120 मिमी राइफल वाली बंदूक से तकनीकी मूल्यांकन परीक्षण चल रहा है।
:यह 1.5 से 5 किलोमीटर की रेंज में एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) संरक्षित बख्तरबंद वाहनों को हराने के लिए टेंडेम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) वारहेड का उपयोग करता है।
:अग्रानुक्रम शब्द का अर्थ है विरोधी टैंकों के सुरक्षात्मक कवच को प्रभावी ढंग से भेदने के लिए एक से अधिक विस्फोटों का उपयोग करने वाली मिसाइलें।