सन्दर्भ:
: भूमध्य सागर (Mediterranean Sea),के तल पर, वैज्ञानिकों को प्राचीन ज्वालामुखी विस्फोटों से बने “मेगाबेड्स” (Megabeds) मिले हैं।
मेगाबेड्स के बारे में:
: ये ज्वालामुखी विस्फोट जैसी विनाशकारी प्रकृति की घटनाओं के कारण समुद्री घाटियों में बनने वाले पदार्थों के जमाव को संदर्भित करते है।
: शोधकर्ताओं को एक बड़े पानी के नीचे ज्वालामुखी के करीब, टायरहेनियन सागर के तल पर जमा की जांच करते समय ये बिस्तर मिले।
: टायरानियन सागर इटली के पश्चिमी तट पर भूमध्य सागर का हिस्सा है।
: अध्ययन के अनुसार, सबसे पुरानी परत लगभग 40,000 वर्ष पुरानी थी, अगली सबसे पुरानी 32,000 वर्ष पुरानी थी, और तीसरी 18,000 वर्ष पुरानी थी।
: सबसे युवा तलछट कोर का निर्माण लगभग 8,000 वर्ष पहले हुआ था।
: जिस क्षेत्र में नदीतल बने हैं वह ज्वालामुखीय रूप से बेहद सक्रिय है और इसमें कैंपी फ्लेग्रेई सुपरवॉल्केनो भी शामिल है, जो हाल ही में सक्रिय हुआ है।
सुपर ज्वालामुखी के बारें में:
: कोई भी ज्वालामुखी है जो 1,000 किमी 3 (240 घन मील) से अधिक इजेक्टा मात्रा के साथ ज्वालामुखी विस्फोट करने में सक्षम है।
: यह सामान्य ज्वालामुखी विस्फोट से हजारों गुना बड़ा है।
: सुपर ज्वालामुखी अन्य ज्वालामुखियों की तुलना में बहुत बड़े पैमाने पर होते है।