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सागर मैत्री मिशन-4सागर मैत्री मिशन-4 Photo@PIB
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सन्दर्भ:

: INS सागरध्वनि, DRDO की नौसेना भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला (NPOL) का एक समुद्र विज्ञान अनुसंधान पोत है जो आज दक्षिण जेट्टी, दक्षिणी नौसेना कमान (SNC), कोच्चि से दो महीने लंबे सागर मैत्री मिशन-4 पर रवाना हुआ।

इस मिशन का उद्देश्य है:

: आठ IOR देशों- ओमान, मालदीव, श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया और म्यांमार के साथ दीर्घकालिक वैज्ञानिक साझेदारी और सहयोग स्थापित करना।

सागर मैत्री मिशन के बारें में:

: सागर मैत्री रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की एक अनूठी पहल है।
: इस नीति के तत्वावधान में, DRDO ने ‘मैत्री नामक एक वैज्ञानिक घटक शुरू किया है जो ‘महासागर अनुसंधान और विकास’ के क्षेत्र में आईओआर देशों के साथ दीर्घकालिक सहयोग स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
: सागर मैत्री कार्यक्रम में, INS सागरध्वनि, INS किस्तना के ट्रैक का अनुसरण करेगा, जिसने 1962-65 के दौरान अंतर्राष्ट्रीय हिंद महासागर अभियान में भाग लिया था।
: पहले सागर मैत्री मिशन में, प्रतिनिधिमंडल ने अप्रैल 2019 में यांगून (म्यांमार) का दौरा किया।
: उसके बाद दूसरे मिशन (SM-2) में अगस्त 2019 में क्लैंग (मलेशिया) और सितंबर 2019 में सिंगापुर का दौरा किया।
: इन तीनों देशों में एक दिवसीय वैज्ञानिक सेमिनार का आयोजन भी किया गया था।
: फरवरी 2020 में NPOL ने तीसरे मिशन (SM-3) के हिस्से के रूप में, भूमध्यरेखीय पारगमन सहित दक्षिणी हिंद महासागर में समुद्र संबंधी अध्ययन भी किये थे।

सागर मैत्री मिशन-4 बारें में:

: Sagar Maitri Mission-4 (SM-4) योजना में उत्तरी अरब सागर में INS सागरध्वनि पर वैज्ञानिक तैनाती और ओमान के सुल्तान कबूस विश्वविद्यालय में समुद्री विज्ञान और मत्स्य पालन विभाग के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यक्रम की शुरुआत को भी शामिल किया गया है।
: ये मिशन वैज्ञानिकों को महासागरों का अध्ययन करने वाले अपने IOR समकक्षों के साथ सहयोग करने और कामकाजी संबंधों को मजबूत बनाने का भी अवसर प्रदान करते हैं।


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By gkvidya

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