सन्दर्भ:
:भारतीय नौसेना ने 28 जुलाई 2022 को अपने निर्माता कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL), कोच्चि से प्रतिष्ठित स्वदेशी विमान वाहक (IAC) ‘VIKRANT’ की डिलीवरी लेकर समुद्री इतिहास का सृजन किया है।
‘VIKRANT’ प्रमुख तथ्य:
:VIKRANT की डिज़ाइन भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ़ नेवल डिज़ाइन (DND) द्वारा बनाया गया है।
:इस वाहक का नाम एक शानदार पूर्ववर्ती भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
:यह वाहक यह अपने पूर्ववर्ती की अपेक्षा बहुत बड़ा और आधुनिक है जिसकी लम्बाई 262 मीटर है,और जिसका पूर्ण विस्थापन है लगभग 45,000 टन वजनी है।
:इस जहाज में 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनें लगी हैं और इसकी अधिकतम गति 28 (नौट) समुद्री मील है।
:‘VIKRANT’ कुल लागत लगभग 20,000 करोड़ रुपये है ,जो तीन चरणों में 2007,2014,और 2019 पूरी हुई।
:जहाज की नींव फरवरी 2009 में रखी गई थी, इसके बाद अगस्त 2013 में इसे लॉन्च किया गया था।
:इस जहाज में कुल मिलाकर 76% स्वदेशी सामान लगे है और यह “आत्मनिर्भर भारत” के लिए देश की खोज का एक आदर्श उदाहरण है जो सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर जोर देता है।
:विक्रांत को मशीनरी संचालन, जहाज नेविगेशन और उत्तरजीविता के उच्च स्तर के स्वचालन के साथ बनाया गया है और इसे ‘फिक्स्ड विंग’ और रोटरी विमानों के वर्गीकरण को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
:यह जहाज स्वदेश निर्मित उन्नत किस्म के हल्के हेलीकाप्टर (ALH) और हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के अलावा एमआईजी-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31, एमएच-60आर और मल्टी रोल हेलीकाप्टरों के साथ 30 विमानों से युक्त एयर विंग के संचालन में सक्षम है।
:जहाज में बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी लगी है जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घराने जैसे- बीईएल, भेल, जीआरएसई, केल्ट्रोन, किर्लोस्कर, लार्सन एंड टुब्रो, वार्टसिला इंडिया से साथ-साथ ही 100 से अधिक एमएसएमई शामिल हैं,इससे राष्ट्रीय स्तर पर ‘प्लोबैक’ प्रभाव को बढ़ावा दिया है।
:अगस्त 2021 और जुलाई 2022 के बीच किए गए व्यापक उपयोगकर्ता स्वीकृति परीक्षणों के बाद सीएसएल द्वारा विक्रांत को भारतीय नौसेना को सौंपा गया है।