सन्दर्भ:
: कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (CUSAT) के शोधकर्ताओं ने दक्षिण-पूर्व तमिलनाडु के मंडपम में समुद्री टार्डिग्रेड (Marine Tardigrade) की एक नई प्रजाति की खोज की है।
टार्डिग्रेड के बारे में:
: टार्डिग्रेड्स छोटे आठ पैर वाले जानवर हैं जो चरमपंथी हैं, भोजन या पानी के बिना 30 साल तक चरम स्थितियों में जीवित रहने में सक्षम हैं।
: जब कठोर वातावरण का सामना करना पड़ता है, तो वे निलंबित एनीमेशन की स्थिति में प्रवेश करते हैं जिसे “ट्यून” स्थिति कहा जाता है, जहां उनके शरीर सूख जाते हैं और बेजान दिखाई देते हैं।
: उनके आहार में मुख्य रूप से पौधे शामिल होते हैं, लेकिन कुछ टार्डिग्रेड शिकारी मांसाहारी होते हैं।
: टार्डिग्रेड्स जलीय वातावरण के अलावा विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में भी पाए जा सकते हैं।
समुद्री टार्डीग्रेड के बारें में:
: माइक्रोमीटर में मापने वाला यह छोटा जीव अपनी लचीलेपन और जीवित रहने की क्षमताओं के लिए जाना जाता है और इसे अक्सर ‘जल भालू’ के रूप में जाना जाता है।
: नई पहचानी गई प्रजाति जीनस बैटिलिप्स से संबंधित है और इसे दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सम्मान में बैटिलिप्स कलामी नाम दिया गया है।
इसका महत्व:
: यह खोज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय जल में पाया जाने वाला दूसरा समुद्री टार्डिग्रेड है और पूर्वी तट पर पहला है।
: यह भारत में जीनस बैटिलिप्स की पहली वर्गीकरणीय रूप से वर्णित प्रजाति भी है।