सन्दर्भ:
: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 20 मई, 2023 को राजा भोज कृषि महाविद्यालय, वारासिवनी, बालाघाट, मध्यप्रदेश में विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया जा रहा है।
थीम/विषय है:
: “मधुमक्खी परागकण-अनुकूल कृषि उत्पादन में संलग्न” (Bee engaged in pollinator-friendly agricultural production)
विश्व मधुमक्खी दिवस 2023 से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: मधुमक्खी पालन क्षेत्र के मधुमक्खी पालकों, प्रोसेसरों और विभिन्न हितधारकों द्वारा मधुमक्खी पालन क्षेत्र में मधुमक्खी की विविध किस्मों और विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए 100 से अधिक स्टालों की एक प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
: तकनीकी सत्रों के आयोजन में “उत्पादन, अनुसंधान, उद्योगों के साथ साझेदारी, घरेलू और निर्यात के लिए बाजार रणनीति” और “विपणन चुनौतियां तथा समाधान (घरेलू/वैश्विक) एवं परिचर्चा” शामिल हैं, जिससे किसानों/मधुमक्खी पालकों के बीच मधुमक्खी पालन का वैज्ञानिक ज्ञान भी उन्नत होगा।
: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रचुर प्रयास किये गए हैं और किये जा रहे हैं जिसमें केंद्रीय वित्तपोषित योजना “राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व शहद मिशन” भी सम्मिलित है।
: आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के समग्र प्रचार व विकास तथा “मीठी क्रांति” के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रारंभ किया गया है।
: भारत की विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों में मधुमक्खी पालन/शहद उत्पादन के लिए पर्याप्त संभावनाएं हैं।
विश्व मधुमक्खी दिवस के बारें में:
: यह हर वर्ष 20 May को विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
: इस दिन मधुमक्खी पालन के प्रणेता एंटोन जानसा का जन्म 1734 में हुआ था।
: विश्व मधुमक्खी दिवस, मधुमक्खियों और परागणकों के महत्व, सतत विकास में उनके योगदान और उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
: इसका उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र में मधुमक्खियों और अन्य परागणकों की भूमिका को स्वीकार करना है।
: संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने दिसंबर 2017 में 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस के रूप में घोषित करने के स्लोवेनिया के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
: वर्तमान में दुनिया में मधुमक्खियों की लगभग 20,000 विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।