सन्दर्भ:
: भूवैज्ञानिकों ने पूर्वी लद्दाख हिमालय के बर्त्से क्षेत्र में समुद्र तल से 18,000 फीट की ऊंचाई पर कोरल रीफ जीवाश्म (Coral Reef Fossils) की एक उल्लेखनीय खोज की है।
कोरल रीफ जीवाश्म के बारें में:
: ये जीवाश्म प्राचीन मूंगा उपनिवेशों के अस्तित्व को प्रकट करते हैं और बर्त्से क्षेत्र के पहले अज्ञात भूवैज्ञानिक अतीत में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं, जो एक विविध समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की उपस्थिति का सुझाव देते हैं।
: निष्कर्ष इस विचार का समर्थन करते हैं कि हिमालय तब उभरा जब लगभग 40 मिलियन वर्ष पहले महाद्वीपीय प्लेटें टेथिस सागर से बाहर निकलीं।
: वे पानी के नीचे के पारिस्थितिक तंत्र हैं जो कैल्शियम कार्बोनेट द्वारा एक साथ बंधे मूंगा कालोनियों से बने हैं, जो समुद्री पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
महत्व:
: लद्दाख में मूंगा चट्टान के जीवाश्मों की खोज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंगित करता है कि यह क्षेत्र, जो अब एक उच्च ऊंचाई वाला रेगिस्तान है, कभी विशाल महासागर के नीचे डूबा हुआ था।
: यह खोज लद्दाख के भूवैज्ञानिक इतिहास, टेक्टोनिक गतिविधि के प्रभाव और प्राचीन जलवायु स्थितियों में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।