सन्दर्भ:
: ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के कम से कम 25 परिवारों ने मैंग्रोव मित्र कार्यक्रम के तहत मैंग्रोव वृक्षारोपण के लिए भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान (BNP) के पास अपनी 25 एकड़ से अधिक जमीन दान कर दी है।
मैंग्रोव मित्र कार्यक्रम से जुड़े प्रमुख तथ्य:
: पार्क में 82 मैंग्रोव प्रजातियाँ हैं, लेकिन जलीय कृषि और कृषि के विस्तार ने क्षेत्र में मैंग्रोव आवासों को नष्ट कर दिया है।
: भूमि दान का उद्देश्य मानसून के मौसम के दौरान मैंग्रोव वनों को पुनर्जीवित करना है।
: भितरकनिका मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र है, लेकिन पुनर्वास और मानवीय गतिविधियों के कारण वनों की कटाई के कारण इसे नुकसान हुआ है।
: कार्यकर्ता इस बात पर जोर देते हैं कि मैंग्रोव वन ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ सबसे अच्छा बीमा प्रदान करते हैं।
: भारतीय वन सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों में देश में मैंग्रोव वन क्षेत्र में 17 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है।
उपयोग:
: यह पहल पर्यावरणीय प्रबंधन और संरक्षण, सामुदायिक एकजुटता और सहयोग के मूल्यों और आपदाओं से सुरक्षा के लिए प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को दर्शाती है।